
राहुल गाँधी
प्रयागराज: आज शङ्कराचार्य के परमधर्मसंसद् में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी को हिन्दू धर्म से बहिष्कृत करने का एक प्रस्ताव पारित किया है। परमधर्मसंसद् १००८ ने राहुल से पूछा है कि हिन्दू धर्म आधारभूत ग्रन्थ मनुस्मृति की निन्दा करने के कारण हिन्दू धर्म से बहिष्कृत क्यों न घोषित किया जाए? इसके लिए परमधर्मसंसद् ने राहुल से एक महीने के भीतर स्पष्टीकरण माँगा है।
सोशल मीडिया में निरन्तर प्रसारित हो रही एक वीडियो क्लिप में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी को इस आशय का वक्तव्य कहते दिखाया जा रहा है की मनुस्मृति बलात्कारियों को संरक्षण देती है। शङ्कराचार्य के परमधर्मसंसद् के अनुसार इससे मनुस्मृति को पवित्र ग्रन्थ मानने वाले करोड़ों आस्थावान लोगों को बड़ी पीड़ा हुई है।
राहुल के इस वक्तव्य की “घोर” निन्दा कर परमधर्मसंसद् १००८ ने राहुल गाँधी शीघ्रता से अपने आशय को स्पष्ट करने या क्षमायाचना करने का माँग किया है।
धर्मांसद विकास पाटनी ने परमधर्मसंसद् १००८ में आज निन्दा प्रस्ताव रखा। शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय के अनुसार परमधर्मसंसद् १००८ ने राहुल से कहा “एक महीने के भीतर वे यह भी बताएं कि इस परिस्थिति में उन्हें हिन्दू धर्म आधारभूत ग्रन्थ की निन्दा करने के कारण हिन्दू धर्म से बहिष्कृत क्यों न घोषित किया जाए?
यह बात भी सार्वजानिक है कि राहुल का धर्म हमेशा कौतुहूल का विषय रहा है।ऐसा इसलिए क्योंकि उनके स्वर्गीय दादी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने एक पारसी से शादी की थी और उनकी माँ और पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी का जन्म इटली के एक ईसाई परिवार में हुआ था। राहुल खुद किस धर्म के अनुयायी हैं इस पर हमेशा चर्चा होती है और उनके राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी भी इस पर कटाक्ष करने का कोई मौका संसद तक में नहीं छोड़ते हैं। हालांकि राहुल ने अपने आपको हिन्दू और शिव भक्त ही बताया है।
आज यदि शंकराचार्य के महाधर्मसंसद में पारित प्रस्ताव की माने तो वह भी राहुल के हिन्दू होने की पुष्टि ही करता है और इसी वजह से उनसे जवाब माँगा है और हिन्दू धर्म से निष्कासित करने की चेतावनी दी है।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो