
रगौली (जालौन): रगौली में देश का पहला सेंट्रल पीवोट इरीगेशन सिस्टम स्थापित है। उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने आज मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ जनपद में सेंट्रल पीवोट इरीगेशन सिस्टम के ग्राम रगौली में पायलेट प्रोजेक्ट का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम से एक तरह की फसल पैदा करने का क्षेत्र के साथ ही विपणन और निर्यात का केंद्र भी हो सकेग। कृषि क्षेत्र में जल संरक्षण एवं वैज्ञानिक सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा देने की दिशा में यह परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली किसानों को न्यूनतम जल खपत में अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने में सहायता करेगी। प्रदेश सरकार द्वारा उन्नत तकनीकों के माध्यम से कृषि सुधार हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और भविष्य में इस प्रकार की योजनाओं का विस्तार किया जाएगा।
उद्यान मंत्री द्वारा परियोजना स्थल के स्थलीय निरीक्षण के दौरान तकनीक के प्रभाव एवं लाभों का आकलन किया गया। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस पद्धति को अन्य क्षेत्रों में भी अपनाने हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाए। इस परियोजना से किसानों को सिंचाई की लागत में कमी आएगी और वे अधिक टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का पहला सेंटर पीवोट इरीगेशन सिस्टम जनपद में स्थापित किया गया है। इस सिस्टम के प्रयोग से जल की बचत होगी, साथ ही किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह परियोजना प्रणाली सामुदायिक खेती एवं क्लस्टर निर्माण में सहायक सिद्ध होगी, साथ ही विपणन एवं निर्यात का केंद्र भी हो सकेगा। सरकार इस प्रकार की योजनाओं को अन्य जिलों में भी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि प्रदेश के सभी किसानों को आधुनिक सिंचाई सुविधाओं का लाभ मिल सके।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि यह सेंटर पीवोट इरीगेशन सिस्टम आधुनिक कृषि तकनीक का एक प्रभावी माध्यम है, जो जल संरक्षण और फसल उत्पादन को बढ़ावा देता है। इस तकनीक के माध्यम से सिंचाई उपकरण धुरी के चारों ओर घूमता है और स्प्रिंकलर के माध्यम से फसलों को पानी उपलब्ध कराता है, जिससे जल का समुचित उपयोग संभव होता है। इससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने में सहायक होगी। इस परियोजना से 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि के 26 किसान लाभांवित होंगे।
मुख्य सचिव श्मनोज कुमार सिंह ने इस परियोजना को कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इससे क्षेत्रीय किसानों को नई तकनीकों से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने परियोजना की प्रगति की सराहना की और आगे के विस्तार की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि फसल सिंचाई की आधुनिक पद्धति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्राम रगौली, विकासखंड डकोर, जनपद में इस सिस्टम का पायलेट प्रोजेक्ट स्थापित किया गया है। यह परियोजना कार्यदायी संस्था, उद्यान विभाग एवं वाटर रिसोर्स ग्रुप 2030 के सहयोग से 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि में संचालित की जा रही है। क्षेत्र के 26 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
“जीरो पावर्टी” के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों और भावी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा “जीरो पावर्टी” का लक्ष्य केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस पहल है। उन्होंने बताया कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पेंशन योजनाएं और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लाखों गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा विकसित वोहदपुरा नर्सरी प्रक्षेत्र व कृषि उद्यान केन्द्र रुरा मल्लू में निर्मित हाईटेक नर्सरी का लोकार्पण उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने विभाग की उपलब्धियों की सराहना करते हुए किसानों को आधुनिक तकनीकों से जुड़ने का आह्वान किया। हाईटेक नर्सरी के माध्यम से क्षेत्रीय कृषकों को उन्नत किस्म के पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ घनश्याम अनुरागी, विधान परिषद सदस्य रमा निरंजन, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, गौसेवा अध्यक्ष श्याम विहारी गुप्ता ने विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे, डीआईजी केशव कुमार चौधरी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गेश कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, जल शक्ति मंत्री प्रतिनिधि अरविंद चौहान, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के डायरेक्टर विजय बहादुर द्विवेदी, सहायक नोडल माइक्रो इरिगेशन कौशल नीरज, विश्व बैंक के प्रतिनिधि योगेश बंधु आर्या, जिला उद्यान अधिकारी प्रशांत निरंजन, परमार्थ संस्था से डा संजय सिंह, वरुण प्रताप सिंह ने भी योजना के बारे में जानकारी दी। आदि सहित सम्बंधित अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
*वरिष्ठ पत्रकार