बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से लौटकर
– अनिल शर्मा*
पिछले 3 महीने से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में सड़क पर चल रहे काम के चलते इसमें यात्रा करना आज भी जोखिम से भरा हुआ है| होता यह है जहां काम चल रहा है उतने क्षेत्र मे सड़क एक तरफ से बंद कर डायवर्सन कर दिया जाता है जिसके कारण एक ही लेन में दस से बीस किलो मीटर के बीच यातायात एक ही तरफ चालू हो जाता है। तो कार या ट्रक, डंपर चालक यदि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में यदि तेज गति से जा रहा है तो दुर्घटनाओं की संभावना है काफी बढ़ जाती है| दिन मे तो किसी तरह चल भी जाता है लेकिन रात में सामने से अचानक वाहन आ जाने से दुर्घटना की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
पिछले 3 महीने में वाहनों की हुई भिड़ंत में तमाम लोगों की जानें गई हैं जबकि तमाम लोग घायल हुए हैं| कल ही मैनपुरी निवासी संतोष गुप्ता की धर्म पत्नी और बेटी की बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जंक्शन मिहौली मे वाहन दुर्घटना मे मौत हो गई| जब कि मृतक दम्पत्ति की एक और पुत्री और पुत्र सहित पड़ोसी, जिनकी कार थी और वे कार चला रहे थे, तीन लोग घायल हो गए|
इटावा से कल कार मे मैंने देखा कि आगे अचानक एक ट्रक सामने से उसी लेन में तेजी से आया और टक्कर होते होते बची| |इसी तरह औरैया के आगे एक डम्पर मिटृी उतारने के बाद बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्लेन में सीधा-सीधा सड़क पर खड़ा हो गया और बीच सड़क में ही उसका ड्राइवर खिड़की खोल कर उतर रहा था। ऐसे में हमारी वाहन के ड्राइवर ने किसी तरह दुर्घटना को बचाया|
ज्ञात हो कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखंडवासियों की समृद्धि और विकास के लिए अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का एक भव्य समारोह मे लोकार्पण बीती 16 जुलाई 2022 को जालौन जिले के ग्राम कैथरी मे किया था| इस समारोह मे उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ, उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्य मंत्री बृजेश पाठक, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री भानुपॗताप वर्मा, बुंदेलखंड के सांसद और विधायकों के अलावा यूपीडा के तत्कालीन चेयर मैन तथा अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी सहित प्रदेश और केंद्र के तमाम आला अधिकारी मौजूद थे |
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भरत कूप चित्रकूट से लेकर इटावा तक 296 किलो मीटर लम्बा है और 110 मीटर चौड़ा है | अभी यह फोर लेन है और इसे 6 लेन बनाने की योजना प्रस्तावित है| इसे लगभग 15 हजार करोड़ ( 14,850 ) करोड़ की लागत से यूपीडा ने बनाया है | यूपीडाने इसे रिकार्ड समय मे 8 महीने पहले यानि कुल 28 महीने पूरा कर दिया |इसकी मीडिया और सरकार मे खूब प्रशंसा भी हुई| इसके अलावा बुंदेलखंड के विकास के लिऐ केन्दॗ सरकार ने डिफेन्स कारीडोर बनाने की की भी शुरुआत कर दी| यह भी घोषणा की गई कि औधौगिक क्लस्टर, फूड प्रोसेसिंग, मिल्क प्रोसेसिंग की यूनिट के साथ हैन्डलूम के कारखाने भी बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के आसपास विकसित किये जायेंगे ताकि बुंदेलखंड के बेरोजगारों को पलायन ना करना पड़े और इसी क्षेत्र मे उद्योगों का विकास हो ताकि नौकरियों का प्रचुर मात्रा में सृजन हो|
लेकिन बुंदेलखंड एक्सप्रे वे के लोकार्पण के कुछ दिनों बाद जी कई जगह सड़क धंसने की खबरें आई| जिसके कारण यह चर्चा जोरों पर थी कि के बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को रिकॉर्ड समय में बनाने के इनाम के स्वरूप एसीएस अवनीश अवस्थी को 1 साल का एक्सटेंशन दे दिया जाएगा| इस घटना के बाद श्री अवनीश अवस्थी को एक्सटेंशन तो नहीं मिल पाया लेकिन रिटायरमेंट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार जरूर बन गए| इसके बाद माह जुलाई से लेकर अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक हुई भीषण बारिश से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में जगह जगह मिट्टी धंसने से गड्ढे हो गए| तब से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में भरतकूप से लेकर इटावा तक पिछले 3 महीने से लेकर आज तक कहीं ना कहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की सड़क पर काम होता नजर आ जाएगा| यह सही है उरई से लेकर भरत कूप तक आप कार से दो से सवा दो घंटे में बादा, पौने दो घंटे में और इटावा डेढ घंटे मे पहुंच जाते |
लेकिन जहां भी बुंदेलखंड एक्सप्रेस में एक तरफ की सड़क को सुधारा जा रहा है उस तरफ से रास्ता बंद कर दिया गया तो ट्रैफिक एक तरफ चलने के कारण पूरे रास्ते में कई बार हमारी दुर्घटना होते होते बची। यह मामला तो दिन का था यदि रात का होता तो दुर्घटना की संभावना और बढ़ जाती इसी का परिणाम है पिछले 3 महीने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में दुर्घटनाओं की दौड़ जारी है। इसके लिए जरूरी है कि जहां-जहां सड़क पर फोर लेन में काम हो रहा है वहां कर्मचारी दोनों किनारे पर तैनात किए जाएं जो आने वाले वाहनों को सावधान करते रहे| बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के 296 किलोमीटर लंबी फोर लेन में जगह जगह पर दुर्घटनाग्रस्त होने वाले वाहनों में सवार घायलों के उपचार के लिए फर्स्ट एड के साथ-साथ दुर्घटना ग्रस्त हुए वाहनों को तत्काल निकालने के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उन्हें तत्काल सहायता मिल जाये|
* वरिष्ठ पत्रकार