नयी दिल्ली: क्या विकास और पर्यावरण एक-दूसरे के साथी बन सकते हैं? क्या ग्रामीण और शहरी भारत एक साझा भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं? ये सवाल आज हमारे सामने सबसे बड़े हैं, और इन्हीं का जवाब तलाशने के लिए रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन 27 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के इंडिया हैवीटेट सेंटर, लोदी रोड में “पर्यावरणीय स्थिरता और व्यापार का संगम” विषय पर एक कॉन्क्लेव आयोजित कर रहा है। यह मंच उन मुद्दों को सामने लाने की कोशिश है, जो हमारे समाज, पर्यावरण और भविष्य को आकार दे रहे हैं।
इस आयोजन का फोकस है जल संरक्षण, वृक्षारोपण और हरित नवाचार को बढ़ावा देना। यह पूछता है कि कैसे व्यापारिक सोच को पर्यावरण के साथ जोड़ा जाए, कैसे युवाओं को नेतृत्व के लिए तैयार किया जाए, और कैसे स्टार्टअप्स व कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) ग्रामीण और शहरी भारत को एक सतत राह पर ले जा सकते हैं। इस चर्चा को दिशा देने के लिए प्रोफेसर डॉक्टर पी. बी. शर्मा, एमिटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम के कुलपति और पूर्व में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) व राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति, मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

उनके साथ होंगे पद्मश्री भरत भूषण त्यागी, वाटर हीरो पद्मश्री उमाशंकर पांडेय, वर्ल्ड पीस इंस्टीट्यूट, यूनाइटेड नेशंस ऑर्गनाइजेशन (यूएनओ) के एंबेसडर डॉक्टर परविंदर सिंह, धराधाम इंटरनेशनल, गोरखपुर के संस्थापक प्रोफेसर डॉक्टर सौरभ पांडेय, पूर्व सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, कैडिला फार्मास्यूटिकल्स, प्रोफेसर डॉक्टर पी.के. राजपूत, डिप्टी हाउसिंग कमिश्नर, बरेली, मांगेराम चौहान, एडवोकेट निखिल चौधरी, और आनंद यादव।

इस कॉन्क्लेव में उन लोगों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने पर्यावरण, शिक्षा और सामाजिक बदलाव के लिए अनुकरणीय काम किया है। इनमें राष्ट्र रत्न पुरस्कार से सम्मानित ज्ञानेंद्र रावत, प्लास्टिक विरोधी अभियान की अगुआ और ग्राफिक इरा यूनिवर्सिटी, देहरादून की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर अनुभा पुंढीर, सहजन सोशल क्लाइमेट डवलपमेंट फाउंडेशन, हमीरपुर के संस्थापक श्री राज सिंह, बाबा आमटे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित और विश्व जल परिषद के सदस्य डॉक्टर जगदीश चौधरी, एलपीएस विकास संस्थान, अलवर के पर्यावरणविद राम भरोस मीणा, जाकिर हुसैन फाउंडेशन, अलीगढ़ की डॉक्टर साजिदा नदीम, एमकेएम कॉलेज, होडल की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शबनम कुमारी, नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर श्यामनंदन प्रसाद, दुबई के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर सर्वजीत सिंह, और एटा में नौ साल से पुस्तक मेला आयोजित करने वाले, उत्तर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ परिवहन अधिकारी के सम्मान से नवाजे गए संजीव यादव शामिल हैं, जिन्हें अर्थ गार्जियन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
ये लोग हमें दिखाते हैं कि पर्यावरण की रक्षा और सामाजिक बदलाव के लिए छोटे-छोटे प्रयास कितने मायने रखते हैं। चाहे वह संजीव यादव का बच्चों के लिए पुस्तक मेला हो या डॉक्टर अनुभा का प्लास्टिक के खिलाफ अभियान, ये कहानियाँ बताती हैं कि बदलाव संभव है। रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन का नारा “हरियाली से ही होगी खुशहाली” इस आयोजन का आधार है। यह कॉन्क्लेव हमें सोचने के लिए प्रेरित करता है—हम अपने ग्रह और समाज को कैसा भविष्य देना चाहते हैं?
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो
