नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने केंद्र सरकार से वन नेशन वन एमएसपी नीति लागू करने की मांग उठाई है, ताकि देश भर में एक फसल का एक समान दाम सुनिश्चित हो। नई दिल्ली के अंबेडकर भवन में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा रबी सीजन 2025-26 के मूल्य निर्धारण के लिए आयोजित बैठक में यह मांग प्रमुखता से सामने आई। देश भर से आए किसान प्रतिनिधियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को सी2 लागत के आधार पर तय करने की बात कही, जिसमें खेती का वास्तविक खर्च, किसान परिवार की मजदूरी, जमीन का किराया और स्थायी पूंजी पर ब्याज शामिल हो।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि पंजाब-हरियाणा में गेहूं 2425 रुपये, मध्य प्रदेश में 2600 रुपये और राजस्थान में 2575 रुपये पर खरीदा गया। यह भेदभाव खत्म करने के लिए वन नेशन वन एमएसपी नीति जरूरी है। बैठक में धर्मेंद्र मलिक, पीजेंट वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बालियान और किसान पंचायत के रामपाल जाट ने आयोग के समक्ष सुझाव रखे।
मलिक ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 82 करोड़ नागरिकों को सस्ता अनाज देने की कीमत किसान चुका रहे हैं। बाजार में गेहूं और चावल एमएसपी से आधी कीमत पर बिकता है, जिससे किसानों को नुकसान होता है। गेहूं उत्पादन में कमी देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
यूनियन ने दस सुझाव पेश किए – एमएसपी को सी2 लागत का डेढ़ गुना तय किया जाए; एमएसपी पर खरीद के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के बीच समन्वय में देरी न हो और इसके लिए कानूनी सुरक्षा नीति बने; कटाई के बाद की लागत जैसे सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और परिवहन को एमएसपी में जोड़ा जाए; किसानों द्वारा उठाए गए जोखिम, जैसे निर्यात प्रतिबंध और आयात से मूल्य गिरने, को एमएसपी में शामिल किया जाए; आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत न्यूनतम आरक्षित मूल्य निर्धारित हो, जो मंडियों के बाहर भी लागू हो; रबी, खरीफ, जायद फसलों और मुख्य फलों-सब्जियों को एमएसपी की सूची में शामिल किया जाए; एमएसपी और बाजार मूल्य के अंतर की भरपाई के लिए नकद भुगतान या बीमा व्यवस्था लागू हो; निजी व्यापारियों को भी एमएसपी व्यवस्था में जोड़ा जाए; एमएसपी गारंटी से किसानों का शोषण और आत्महत्याएं रुकेंगी; उपयुक्त बाजार, स्टोर हाउस और सप्लाई चेन के बिना कृषि संकट से नहीं निपटा जा सकता। सरकार को कृषि निर्यात के लिए नए बाजार तलाशने चाहिए।
आयोग के अध्यक्ष विजय पॉल शर्मा को संबोधित पत्र में यूनियन ने रबी फसलों,28 गेहूं, चना, मसूर, जौ और सरसों, के लिए एमएसपी सिफारिशों से पहले हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के लिए धन्यवाद दिया। यूनियन ने उम्मीद जताई कि उनके सुझाव मूल्य निर्धारण में शामिल होंगे। किसानों के खेतों से दिल्ली तक यह मांग गूंज रही है कि एक राष्ट्र, एक एमएसपी नीति से उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो

