लखनऊ: नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) की एक घटक दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश (यूपी) को चार हिस्सों में बांटते हुए संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने का निर्णय लिया है। राजभर को वर्ष 2027 के पहले उत्तर प्रदेश के चार राज्य बनने की उम्मीद है। इसीलिए उनकी पार्टी अपनी जमीनी पकड़ और मजबूत करने के लिए पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमांचल में पार्टी संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने जा रही है। इसी क्रम में शनिवार 27 जुलाई 2024 को दारुलशफा में पार्टी ने पश्चिमांचल में शामिल किए गए 27 जिलों के प्रभारियों की बैठक कर उन्हें सदस्यता और अन्य लक्ष्य दिए।
सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर की उम्मीद की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि वर्तमान संसद में लोकसभा के सदस्यों की संख्या 543 है जबकि राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 245 है। नये संसद भवन में अब लोकसभा सदस्यों की क्षमता बढ़ा कर 888 कर दी गई है। जबकि राज्यसभा सदस्यों की संख्या बढ़ा कर 345 कर दी गई है। दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या में भविष्य में सदस्यों की होने वाली बढ़ोत्तरी को ध्यान में रख कर ही की गई है।
यह चर्चा जोरों पर है कि वर्ष 2027 के पहले यानी वर्ष 2026 में देश में लोकसभा के नये परिसीमन होने हैं इसके चलते अकेले उत्तर प्रदेश में 15 से 20 लोकसभा सीटें बढ़ने की सम्भावना है। इसी तरह देश में बढ़े हुये मतदाताओं की संख्या की दृष्टि से विभिन्न राज्यों में लोकसभा के सदस्यों की सीटें बढ़ने की सम्भावना जताई जा रही है। संविधान के अनुसार राज्य सभा की सीटें भी बढ़ाये जाने की सम्भावना है।
उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 20 करोड़ से अधिक है जबकि मतदाताओं की संख्या 15 करोड़ 29 लाख 24 हजार बासठ है। इस लिहाज से उत्तर प्रदेश में ज्यादातर लोकसभा सीटों में मतदाताओं की संख्या 18 से 20 लाख के आस-पास है।
ऐसी सम्भावना है कि केन्द्र सरकार लोकसभा सीटों में मतदाताओं की संख्या खासतौर से उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट में 10 से 15 लाख मतदाताओं वाली चाह रही है इसके चलते उत्तर प्रदेश में लगभग 20 सीटें बढ़ने की सम्भावना है।
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल सीटों की संख्या 80 है। परसीमन के बाद इसकी संख्या बढ़ कर लगभग 100 हो जाने की सम्भावना है। उदाहरण के तौर पर जैसे बुन्देलखण्ड में इस समय कुल चार लोकसभा सीटें हैं।
परसीमन के बाद बांदा-चित्रकूट जो वर्तमान में एक संसदीय क्षेत्र है इसके दो हो जाने की सम्भावना है। इसी तरह झांसी-ललितपुर जो अभी एक संसदीय क्षेत्र है इसके भी दो हो जाने की सम्भावना है।
उत्तर प्रदेश जो 100 संसदीय क्षेत्रों का प्रदेश बनने वाला है उसके विभाजन की चर्चायें सत्तारुढ़ दल के अन्दर खाने में गम्भीरता से हो रहीं हैं। चर्चा ये है कि उत्तर प्रदेश को चार भागों में क्रमशः पूर्वांचल, मध्यांचल, बुन्देलखण्ड और पश्चिमांचल में बांटा जा सकता है।
जहां तक बुन्देलखण्ड राज्य की बात है क्या इसमें मध्यप्रदेश के सात और जिले जोड़े जायेंगे या फिर उत्तराखण्ड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सात-सात जिलों को मिला कर अलग-अलग प्रदेश के यानी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अलग-अलग बुन्देलखण्ड राज्य बनाये जायेंगे इसका निर्धारण केन्द्र सरकार करेगी।
लखनऊ के राजनितिक गलियारे में ऐसी चर्चा है कि चूंकि सुभासपा एनडीए का हिस्सा है इसी के चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को दिल्ली में पक रही इस खिचड़ी का पता चल गया होगा इसी लिये उन्होंने 2 वर्ष पहले से ही अपनी पार्टी सुभासपा को उत्तर प्रदेश में चार हिस्सों में बांट कर अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से जमीनी स्तर पर अभी से मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है।
*वरिष्ठ पत्रकार