नयी दिल्ली: देश के पर्यावरण के प्रति अभिरूचि रखने वाली ‘यमुना संसद’ के नाम से सिर्फ दस व्यक्तियों की एक टीम ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, जहां पहुँच यमुना नदी प्रदुषण के कारण दम तोड़ती दिखती है, वहां लोगों में चेतना जगाने के लिए हज़ारों लोगों की एक विशाल मानव श्रृंखला बना दी। इस मानव श्रृंखला में सिर्फ आम जन ही नहीं बल्कि घोर विरोधी राजनेता भी शरीक हुए।
जहां चाह वहाँ राह। ‘यमुना संसद’ के संयोजक रवि शंकर तिवारी और उनके साथ के दस सदस्यों की टीम के इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज को यमुना के प्रति जगाना था । इसको लेकर पिछले 5 महीनों से पूरे दिल्ली को जगाने के लिए रवि शंकर तिवारी एवं उनके कोर टीम के साथी निरंतर सक्रिय थे और उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए 1800 संगठनों की आपसी सहमति प्राप्त की थी। खास तौर से दिल्ली के छठ घाट, गीता कॉलोनी, वज़ीराबाद, पुराना लोहे का पुल, आईटीओ जैसी जगह पर सबसे अधिक लोग जुड़े।
इस कार्यक्रम में लगभग एक लाख लोग यमुना के किनारे एकत्रित हुए । सुबह 9 बजे तक यमुना नदी पर लोगों का जमावड़ा रहा । सभी ने यमुना को शुद्ध एवं निर्मल रखने का संकल्प लिया।
इस दौरान भारत सरकार के नमामि गंगे के डायरेक्टर जनरल अशोक कुमार, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि और चिंतक गोविंदाचार्य सहित कई राजनैतिक दल के लोग शामिल रहे।
इस आयोजन की सफलता से अभिभूत रवि शंकर तिवारी ने कहा, “किस-किस के नाम गिनाऊं? अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार, निरंकारी समाज, नामधारी समाज, ईश्वरीय ब्रम्हाकुमारी प्रजापति, दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी, इस्कॉन, फतेहपुरी मसजिद के इमाम समेत सभी धार्मिक संस्थाओं और 1,800 से ज्यादा सामाजिक, स्वयंसेवी, व्यापारिक संस्थाओं, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, सभी राजनीतिक दलों का सार्थक और सकारात्मक सहयोग दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम कालेज के प्रिंसिपल, प्रोफेसर मार्गदर्शक की भूमिका में रहे। छात्र-छात्राओं ने पूरे अभियान को जीवंत कर दिया और हम दिल्ली के लोग इसकी ताकत बने”।
यमुना संसद’ के लिए यह अनुपम व संग्रहणीय निधि रही। तिवारी ने कहा यह आंदोलन यमुना जी के अविरल व निर्मल रहने तक नहीं थमेगी। “यह अंत नहीं, प्रचंड संकल्प का आरंभ है,” उन्होंने कहा।
इस पूरे से आयोजन के पीछे जल जन जोड़ों अभियान की महत्पूर्ण भूमिका रही जिन्होंने समय समय पर पर समन्वयन का कार्य किया। इस आयोजन में जल जन जोड़ों अभियान के कार्यकर्ता शामिल रहे । हरियाणा और आसपास के किसान संगठन के लोग भी आए जो इस अभियान से जुड़े हुए थे ।
“यमुना को लेकर समाज और सरकार की आगे की भूमिका क्या हो सकती है इसको लेकर मुहिम फिर से शुरू की जाएगी। यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम बनकर न रहे, इसकी निरंतरता को लेकर अभी भी टीम के सदस्यों मे सक्रियता है। सभी का उद्देश्य है कि दिल्ली में यमुना स्वच्छ एवं अविरल होकर बहे,” जल जान जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने ग्लोबल बिहारी से कहा।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो