हिण्डन नदी अपनी सहायक नदियों के माध्यम से भयंकर गंदगी लाकर नोएडा के पास दिल्ली में जमुना या यमुना में मिलती है। जो सहायक नदियां यमुना को सदानीरा, सतत बहने में मदद करती थीं, आज उन्होंने अपना रूख, दशा एवं दिशा ही बदल दी है। अब नदी कूड़ा, कचरा, गंदगी, प्रदूषण की वाहक बना दी गई है। जल नीति, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, यमुना एक्शन प्लान, जल बोर्ड, हरित न्यायाधिकरण, न्यायालय, उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय, प्रदेश सरकारों, केन्द्र सरकार के बावजूद नदियां मर रही हैं। प्रदूषित हो रही हैं, खत्म हो रही हैं, बिक रही हैं, कब्जा हो रहा है।
संस्थान एवं सरकारें अब शक के घेरे में हैं। संस्थान एवं अधिकारी अपने कर्त्तव्य, जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। कहीं कोई न कोई गड़बड़ी, दबाव, दहशत, प्रभाव, लोभ-लालच, रिश्वत, सत्ता, पैसा, भ्रष्टाचार, लूट आदि की भूमिका से कदापि नकारा नहीं जा सकता है। क्या सब बिक्री की वस्तु बन गए हैं?
आप जानकर हैरानी में पड़ जाएंगे कि नदी से संबंधित कितनी एजेंसियां हैं। दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली सरकार, पर्यावरण विभाग, दिल्ली सरकार एनसीटी, भूमि और भवन विभाग, दिल्ली सरकार, नगर विकास विभाग, दिल्ली सरकार, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण विभाग दिल्ली सरकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार, नगर विकास मंत्रालय, भारत सरकार, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार, केन्द्रीय भूतल जल बोर्ड, भारत सरकार, ऊपरी यमुना नदी बोर्ड, भारत सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण, भारत सरकार, केन्द्रीय जल आयोग, भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार, हरियाणा सरकार एवं प्रदेश सरकारों के विभिन्न विभाग, बोर्ड, आयोग।
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यमुना नदी पर दिल्ली तक केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनेक स्टेशन स्थापित हैं। एक हथिनी कुंड में ताजे वाला बैराज से 2 कि.मी. ऊपर यमुना के पानी की गुणवत्ता हेतु, वर्ग ए एवं बी। दूसरा कलानौर यमुना नहर से 7 कि.मी. यमुना नगर-सहारनपुर रोड पर पूर्व में यमुना पुल पर सोम नदी का प्रभाव, नदी के पानी की गुणवत्ता पर, वर्ग सी। तीसरा सोनीपत सोनीपत शहर से 20 कि.मी. सोनीपत बागपत रोड पर पूर्व में यमुना पुल पर करनाल पानीपत शहर के पानी का प्रभाव हेतु, वर्ग सी। चौथा पल्ला वजीराबाद बैराज से 23 कि.मी. ऊपर की ओर सोनीपत जिले के पानी का प्रभाव, दिल्ली के लिए पानी की गुणवत्ता हेतु, वर्ग सी एवं डी। पांचवां निजामुद्दीन वजीराबाद से 13 कि.मी. नीचे की ओर दिल्ली के गंदे पानी का प्रभाव हेतु, वर्ग ई। छठा आगरा शहर वजीराबाद बैराज से 26 कि.मी.नीचे की ओर ओखला बैराज के बाद दिल्ली के पानी का प्रभाव हेतु, वर्ग ई।
इन सबके बावजूद जमुना एवं उसकी सहायक नदियां भयंकर गंदगी से नहीं बच पाई हैं। इनके सुधार के लिए बड़ी भारी मात्रा में धन, साधन खर्च किया गया है। संसद में खर्च के आंकड़े बताए गए हैं। हमारी नीति एवं नियत दोनों में ही खोट नजर आ रहा है।