मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली जीत के पीछे लाडली बहन योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है। चुनाव के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शुरू की गई लाडली बहन योजना मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में काफी कारगर साबित हुई। चुनाव के दौरान जिस तरह से महिलाओं के खाते में 6 तारीख को ₹3000 आए, महिलाओं ने अपने मन में निश्चित कर लिया कि इस बार वह भारतीय जनता पार्टी को ही सत्ता में लाएंगी। दिवाली के ठीक पहले आए यह पैसे भारतीय जनता पार्टी के चुनाव जीतने में गेम चेंजर के रूप में साबित हुई।
भारतीय जनता पार्टी चुनाव के कुछ महीने पहले तक मध्य प्रदेश में पिछड़ती हुई नजर आ रही थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के संयुक्त रणनीतिक हस्तक्षेप से भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश में चुनावी रणनीति काफी कारगर साबित हुई। कई मीडिया सर्वेक्षणों के आधार पर जो रिपोर्ट आई थी जिसमें भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में चुनाव में पराजय की तरफ दिखाई दे रही थी। उस पराजय को उन्होंने जय में बदलने के लिए दिल्ली से केंद्र से कई मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतरकर जनता के बीच में यह संदेश दिया कि उनके पास मुख्यमंत्री के रूप में एक ही चेहरा नहीं कई विकल्प हैं। जनता को यह लगा कि प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में शिवराज को बदलकर नए मुख्यमंत्री को लेंगे और जनता का जो मुख्यमंत्री के प्रति आक्रोश था वह कम हो गया और मतदाता पुनः एक बार भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने की तरफ अग्रसर हो गया।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से बहुजन समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन मध्य प्रदेश में करवाया उससे दलित और आदिवासी वोट कांग्रेस से निकलकर बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की तरफ गया जिसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला और आदिवासी और दलित बहुल इलाकों में बड़े पैमाने पर भाजपा ने सीटें जीती।
इसी तरह से छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में इस तरह की लुभावना घोषणाएं करके मतदाताओं को यह बताने की कोशिश की कि कांग्रेस से अधिक वह व्यक्तिगत लाभ किसानों को धान की खरीदी और अन्य योजनाओं में देगी। इन गारंटीयों को जब प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मोदी की गारंटी है कहा तो जनता के मन में विश्वास बन गया और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस की जगह सत्ता में बिठाने का काम किया। फिर छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत का यह भी कारण बताया जा रहा है। यहाँ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कांग्रेसियों ने इस चुनाव में नक्सली नेताओंसे गठजोड़ कर मतदाताओं को जो अपने पक्ष में लेने की कोशिश की यही कदम उनके लिए आत्मघाती साबित हुआ और डरे हुए मतदाताओं ने अंततः भाजपा के पक्ष में मौन रहकर के वोट का समर्थन किया।
*वरिष्ठ पत्रकार