बुंदेलखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जालौन गरौठा सुरक्षित संसदीय सीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा को पांचवीं बार प्रत्याशी बनाया है जहां उनकी मुख्य टक्कर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री नारायण दास अहिरवार से होगी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी जो सेवा निवृत्ति अधिशासी अभियंता है सुरेश चंद्र गौतम, चुनावलित समाज के दोहरे उप जाति से आते हैं। लोक सभा के चुनाव का पांचवा चरण 20 मई 2024 को होगा। वे चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा दलित बिरादरी की कोरी जाति से आते हैं, जबकि सपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री नारायण दास अहिरवार दलित समाज की अहिरवार जाति से आते हैं।
वहीं चित्रकूट बांदा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी व वर्तमान सांसद आरके पटेल को पार्टी ने दूसरी बार टिकट दिया है जबकि समाजवादी पार्टी ने पहले पूर्व मंत्री शिव शंकर पटेल को टिकट दिया था। लेकिन शारीरिक स्वास्थ्य खराब होने के कारण अब समाजवादी पार्टी ने उनकी ही पत्नी जो जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष है श्रीमती कृष्णा पटेल को प्रत्याशी बनाया है, जब कि बसपा ने पूर्व विधायक पुरूषोत्तम द्विवेदी के युवा पुत्र एवं जिला पंचायत सदस्य मयंक द्विवेदी को प्रत्याशी बनाया हैं।
झांसी ललितपुर संसदीय सीट पर भाजपा ने उद्योगपति बैद्यनाथ के मालिक सांसद अनुराग शर्मा को दूसरी बार लगातार प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को प्रत्याशी बनाया है अपने मिलनसार और सहज स्वभाव के कारण आम जन मे में काफी लोकप्रिय हैं। जबकि बसपा ने युवा नेता तथा कैडिरिस्ट रवि साहू को प्रत्याशी बनाया है।
इसी तरह भाजपा ने बुंदेलखंड के हमीरपुर महोबा सीट पर दो बार से लगातार सीट जीत रहे वर्तमान सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को तीसरी बार टिकट दिया है और भाजपा नेतृत्व चाहता है कि वह इस सीट पर हैट्रिक मारे। वे भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पटेल के चहेते नेताओं में से एक हैं। यहां इंडिया गठबंधन ने समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजेन्द़ राजपूत को प्रत्याशी बनाया है पार्टी ने अपने आधार वोट यादव मुस्लिम और क्योंकि आजेन्द़ राजपूत जोलोधी राजपूत बिरादरी के हैं इसलिए इन तीनों को मिलाकर ही जातीय संख्या बल से भी वह बहुत हो जाता है इसलिए आजेद्र राजपूत मजबूत प्रत्याशी बनकर उभरे हैं। बसपा ने भाजपा के वोट बैंक ब्राह्मण नेता निर्दोष दीक्षित को प्रत्याशी बनाकर भाजपा के सामने समस्या खड़ी कर दी है क्योंकि बसपा के पास दलित कुछ ओबीसी कुछ मुस्लिम के साथ यदि ब्राह्मण वोटर जुड़ गया तो निर्दोष दीक्षित भी एक ताकतवर प्रत्याशी होकर उभरेंगे।
भाजपा की दिक्कत यह है कि उसकी बुंदेलखंड की चारों सीटों के प्रत्याशियों के साथ भीतर घात हो रहा है। जालौन गरौठा भोगनीपुर सीट सुरक्षित सीट में भाजपा के प्रत्याशी व केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा का सबसे ज्यादा विरोध टिकट की दौड़ में लगे हुए नेता कर रहे हैं जिन्होंने टिकट के लिए जमीन आसमान एक कर दिया फिर भी उन्हें टिकट नहीं मिल रहा है। वे दिखावे के तौर पर भाजपा प्रत्याशी श्री वर्मा के साथ वोट मांगने तो जरूर जाते हैं लेकिन विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जहां-जहां उनके पॉकेट है उनके खास लोग हैं उन्हें फोन से यह भी बता देते हैं इस बार इसका दिमाग ठीक कर देना है। भानु वर्मा के साथ एक समस्या यह भी है कि वह अपने सांसदी के कार्यकाल में लोगों का फोन नहीं उठा पाए थे। भाजपा में दलित वर्ग में कोरी समाज वर्ष 1952 से भाजपा के साथ जुड़ा हुआ है लेकिन पिछले 10 सालों में दलित वर्ग के अन्य समाजों जो नेता आए थे वह पढ़े-लिखे भी हैं लोगों से संपर्क भी रखते हैं और वह टिकट के बड़े दावेदार भी रहे हैं। लेकिन टिकट न मिलने से वह पार्टी का विरोध तो नहीं कर रहे हैं लेकिन खामोश होकर बैठ गए हैं या कुछ नेता ऐसे हैं जो दूसरे संसदीय क्षेत्र में प्रचार करने चले गए हैं। दूसरी बात यह भी है की भाजपा प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह वर्मा अति आत्मविश्वास में है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को जीत की गारंटी मानते हैं । भाजपा की इस सीट पर सपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री नारायण दास अहिरवार के साथ कांटे की टक्कर है लेकिन भाजपा के प्रत्याशी और मंत्री भानु प्रताप वर्मा के मुख्य समस्या भीतर भारत की है पार्टी भीतर घात से पार पाएगी तो ही भानु प्रताप वर्मा चुनाव जीत सकते हैं।
बुंदेलखंड की दूसरी सीट झांसी की ललितपुर संसदीय क्षेत्र है जहां भाजपा के अधिकांश जनप्रतिनिधि अपने सांसद और उद्योगपति अनुराग शर्मा से नाराज बताए जाते हैं और वह भीतरी खून्नस भी रखते हैं । सही मायने में देखा जाए तो भाजपा महानगर झाँसी के अध्यक्ष हेमंत सिंह परिहार एक ऐसे प्रमुख नेता हैं जो जीजान से प्रत्याशी को जीताने में जुटे हुए हैं। यहां भी सभी बड़े नेता प्रत्याशी अनुराग शर्मा के लिए वोट मांगने तो दिखाई देते हैं लेकिन अपने पीठ के पीछे एक छोटी कैंची भी रखते हैं जहां उनके अपने लोग होते मिलते हैं वह कैंची का इशारा कर देते है। सुत्रों के अनुसार झांसी में भी भाजपा में तगड़ी भीतर घात हो रही है।
इंडिया गठबंधन की दृष्टि से देखा जाए तो बुंदेलखंड की चारों सीटों में हमीरपुर महोबा की लोकसभा सीट ही सबसे मजबूत सीट दिखाई दे रही है। यहां सपा के नेता आजेंद्र सिंह राजपूत सपा के प्रत्याशी हैं।
बुंदेलखंड में इंडिया गठबंधन के साथ सपा का आधार वोट यादव के अलावा मुस्लिम भी हैं ।
हमीरपुर में एक विशेष बात है कि पहली बार सपा ने लोधी राजपूत प्रत्याशी पर दाव लगाया है। इन तीन बिरादरियों के बड़े वोट बैंक के कारण आजेंद्र सिंह राजपूत बहुत मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। जहां तक भाजपा की बात है भाजपा से आम जन से लेकर के भाजपा के नेता तक इस इस व्यवहार से नाराज है कि वर्तमान सांसद जो दो बार से जीतते आ रहे हैं वह उनका फोन ही नहीं उठाते। वह तीसरी बार सांसद की हैट्रिक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। यहां बसपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतार कर भाजपा के खेमे में हलचल मचा दी है। यहां भी भाजपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सिंह चंदेल भाजपा के ही अपने नेता और कार्यकर्ताओं के भीतर घात से परेशान हैं। यही हाल बांदा चित्रकूट सीट का है जहां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में इस सीट भाजपा के सांसद और पूर्व मंत्री आरके पटेल को लगातार दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है। इंडिया गठबंधन की ओर से सपा नेता और पूर्व मंत्री शिव शंकर पटेल की धर्मपत्नी तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा पटेल को प्रत्याशी बनाया है यहां भाजपा को एक नुकसान तो यह हो गया कि एक ही बिरादरी के दो प्रत्याशी आमने-सामने हो गए जबकिबसपा ने अपना प्रत्याशी ब्राह्मण जाति के युवा नेमयंक द्विवेदी को प्रत्याशी बनाया है l यानी पटेल जाति के दो नेता होने से वोटों का बंटवारा होना लाजमी है। इसी तरह ब्राह्मण का एक ही प्रत्याशी होने से 3 लाख से अधिक ब्राह्मण मतदाता वाले संसदीय क्षेत्र में कम से कम भी वोट मिलेगा या जितना भी वोट मिलेगा उससे भाजपा को नुकसान होने की सम्भावना है।
पिछले दो चुनाव में बुंदेलखंड में दलित बिरादरी का जो वोट भाजपा को मिलता रहा है वह भाजपा को इस बार मिलेगा इसमें भी संदेह है। इस सीट के लिए भाजपा में करीब दो दर्जन नेता लंबे समय से प्रयास कर रहे थे लाखों रुपए के उनके होर्डिंग चुनाव के पहले ही देखे जा सकते थे। अब चुनाव आयोग ने क्योंकि सब होर्डिंग हटवावा दिए हैं तो होर्डिंग हटने के साथ-साथ टिकट न मिलने की टीस के कारण भाजपा के तमाम नेता भीतर ही भीतर आरके पटेल को हराने में लगे दिखते हैं।
संगठन के पदाधिकारी और आरएसएस के प्रचारकों के माध्यम से जब भीतर घातकी खबरें भाजपा और संघ के शीर्ष ने तत्व को मिली तो उनके कान खड़े हो गए हैं । सूत्रों की मानें तो इसलिए भाजपा और संघ के शीर्ष के अलावा एक एक प्राइवेट डिटेक्टिव टीम को भी लगाया गया है। इसके अलावा सरकारी स्तर से तो रिपोर्ट मिल ही रही है, नेतृत्व में तीन स्तरीय गोपनीय जांच पिछले 15 दिन से शुरू कर दी है और जो नेता भाजपा के प्रत्याशियों को हराने में गोपनीय प्रयास भी करते नजर आएंगे उनका भविष्य भाजपा में हाशिए में कर देने की रणनीति बनाई गई है।
*वरिष्ठ पत्रकार