– अनिल शर्मा*
लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव का लक्ष्य है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गांव में सपा की सकरी यूनिट खड़ी हो|
भाजपा और संघ के ग्रास रूट संगठन से मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ग्राम स्तर तक समाजवादी पार्टी का संगठन पहुंचाने के लिऐ अपने थिंक टैंको के साथ मिलकर नई रणनीति बनाई है|
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया है सपा शीर्ष नेतृत्व इस बार आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के 1 साल पूर्व यानी वर्ष 2023 में ही उत्तर प्रदेश में सपा की सभी 80 लोकसभा सीटों में प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी ताकि प्रत्याशी को प्रचार के लिए और गांव-गांव तक दौरा करने के लिए पूरे 1 वर्ष का समय बन जाए|
इसके चलते अब उत्तर प्रदेश को संगठन की दृष्टि से चार भागो मे बांटा जायेगा, जिसके 4 अलग अलग सपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाये जायेंगे | इन चारों क्षेत्रों के चार सपा के राष्ट्रीय महामंत्री उत्तर प्रदेश के अलग क्षेत्रों के प्रभारी बनाये जायेंगे| इन चारों क्षेत्रों की कार्यकारणी मे पिछडे, दलित वर्ग के नेताओ को प्रमुखता दी जायेगी व सवर्ण बिरादरी के नेताओ को सम्मान के साथ पद दिऐ जायेगे|
सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 75 जिलों में इस बार पिछड़े वर्ग में यादव और मुस्लिम वर्ग के नेताओं में कुछ स्थान कम करके यादव के अलावा पिछड़ी जातियां तथा दलित जातियों के नेताओं को जहां जिला अध्यक्ष पदों पर प्रमुखता मिलेगी वही सवर्ण जाति के लोगों को भी कई जिलों की अध्यक्ष मिल सकती है|
*वरिष्ठ पत्रकार