वाराणसी/जोशीमठ: ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती की तरफ से आज जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार उत्तराखंड में जोशीमठ स्थित आदि शंकराचार्य भगवान के तपोस्थली ज्योतिर्मठ में भी दरार पड़ गया है।
ज्योतिर्मठ क्षेत्र में आई आपदा से दुखी दंडी सन्यासियों ने आज सायं 4 बजे काशी के अस्सी स्थित मुमुक्ष भवन में सांकेतिक उपवास कर जोशीमठ के आपदा निवारण हेतु सामूहिक प्रार्थना किया।
धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य के काशी के प्रेस प्रभारी संजय पाण्डेय ने कहा कि जोशीमठ में हजारों लोगों के जन माल का खतरा उत्पन्न हो गया है। शंकराचार्य राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,गृहमंत्री व मुख्यमंत्री को जोशीमठ प्रकरण में चिट्ठी लिखने के साथ ही अपने वकील पीएन मिश्र के माध्यम से सुप्रीमकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल कर चुके हैं। शंकराचार्य के निर्देश पर ज्योतिर्मठ में जोशीमठ वासियों हेतु खाने रहने सहित अन्य आवश्यक इंतजाम किये गए हैं।और ज्योतिर्मठ के सैकड़ों धर्म सेवक दिनरात पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।
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सन्यासियों द्वारा काशी में किये उपवास के पश्चात आयोजित धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए दंडी सन्यासी महासमिति के राष्ट्रीय महामंत्री ईश्वरानंद तीर्थ जी महाराज ने कहा कि अनियोजित विकास, भूखनन व पहाड़ों पर किये जा रहे विस्फोटों के चलते जोशीमठ में सैकड़ों मकानों व सड़कों में दरार पड़ गया है और जोशीमठ की भूमि धंस रही है। हजारों लोगों के जीवन पर संकट है ऐसे आपदा के समय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती पीड़ितों की हर सम्भव मदद कर रहे है।
शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जोशीमठ भूधंसाव की खबर लगते ही अपना समस्त कार्यक्रम स्थगित कर जोशीमठ पहुँच गए थे और भूधंसाव से प्रभावित क्षेत्रों की दौरा कर पीड़ित लोगों का हर सम्भव मदद कर रहे हैं। 600 से अधिक घरों व सड़कों में दरार पड़ गई है।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो