हैचबर्ग, जर्मनी: 16 अगस्त 2023 को मिट्टी-पानी के स्वभाव और शक्ति जानने के लिए हमने यहां खेत में मिट्टी का परिक्षण कर लोगों को समझाया। मैंने अपने मित्र ह्यूमस हलमत के खेत की मिट्टी जो बिल्कुल जैविक थी, जिसमें पानी को बहुत ग्रहण करने की क्षमता थी और उसके पड़ोसी के खेत की मिट्टी जिसमें केवल रसायनिक खाद, दवाई से युक्त थी, इसमें घास बिल्कुल नहीं थी, वहां एक परीक्षण करके दोनों तरह की मिट्टी को जाना।
इस दौरान देखा कि जैविक खेत में जो मिट्टी है उसमें बहुत अच्छी सुगंध है और रंग काला है। दूसरी खेत की मिट्टी में सुगंध नहीं थी। काली मिट्टी ने 1 लीटर में से 400 ग्राम पानी अपने अंदर ग्रहण कर लिया और रासायनिक खाद वाली मिट्टी में केवल 1 लीटर पानी में से सिर्फ 100 ग्राम पानी ग्रहण किया।
इसलिए रसायनिक मिट्टी बारिश के दौरान कटकर, बह जाने से बांधो, तालाबों में मिट्टी जमा कर देती है। जबकि जैविक खाद वाली काली मिट्टी में कटाव बहुत कम होता है। ह्यूमस हलमत के खेत में 6 प्रतिशत और पड़ोसी के खेत में 1 प्रतिशत रही। इसी कारण ही मिट्टी का रंग में बदलाव है। इससे जानने को मिलता है कि यदि नियमित बारिश ना हो तब भी जैविक खेत वाली मिट्टी में नमी ज्यादा दिनों तक बनी रहती है। इससे सुखाड़ – बाढ़ का बुरा प्रभाव मिट्टी पर नहीं पड़ेगा। आज इस कार्यशाला में मिट्टी के स्वभाव,शक्ति को जाना। इसके बाद हेचबर्ग में वृक्षारोपण किया,जिसका नाम कीवा वृक्षारोपण रखा गया।
हमारी यह विश्व खोज यात्रा स्वासंचालित श्रमसेवकों से पूरी दुनिया में स्वपोषित संचालित और शैक्षिक सामाजिक काम की तरह चल रही है। इस यात्रा का सुखाड़-बाढ़ विश्व जनआयोग समन्वय का काम कर रहा है। जो देश इस काम से आगे बढ़ना चाहते हैं, उन देशों में यह यात्रा जा रही है। इस यात्रा का लक्ष्य सुखाड़-बाढ़ मुक्ति की युक्ति सिखाना है।
अभी इस यात्रा का नाम यूरोप खोज यात्रा रखा है। क्योंकि, यूरोप में बाढ़-सुखाड़ बहुत बढ़ रहा है। उसके समाधान के तरीके यात्रा सिखा रही हैं। यात्राओं में जगह-जगह कार्यशाला, शिविर और सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। सुखाड़-बाढ़ विश्व जनआयोग द्वारा प्रकृति में बढ़ रहे शोषण, अतिक्रमण और प्रदूषण को रोकने के लिए प्रकृति को पोषित करने वाले काम चल रहे है। ऐसे कामों की अत्यंत आवश्यकता है। इसलिए जहां की समाज और सरकार बुलायेगी, वहां यात्रा जायेगी। इस यात्रा में सभी वह लोग है, जिन्होंने अपने जीवन में सुखाड़-बाढ़ मुक्ति के काम किए है।
यह खोज यात्रा स्टॉकहोम में आयोजित होने वाले विश्व जल सम्मेलन में शामिल होगी तथा सुखाड़-बाढ़ विश्व जनआयोग द्वारा उर्लिका में आयोजित होने वाले जल सम्मेलन में सुखाड़-बाढ़ विश्व जन आयोग के एक वर्ष की रिर्पोट प्रस्तुत की जायेगी। इस काम को आगे बढ़ाने की कार्ययोजना पर चर्चा होगी तथा सरकारों व समाज के साथ कार्यशाला आयोजित करेगी।
*जलपुरुष के नाम से विख्यात जल विशेषज्ञ।