सेनहोजेसीतो (कोलंबिया): शांति समुदाय कौमूनीदाद दे पाज़ प्रकृति का रक्षण-संरक्षण करने वाला अनोखा समुदाय है। यह शांति समुदाय ऐसे स्थान पर बसा हुआ है, जहां के रास्ते से ही कोकीन-ड्रग की तस्करी, हथियारों का लेनदेन, मानव तस्करी आदि सभी तरह के अवैध व्यापार होते हैं। यह दक्षिण अमेरिका में पनामा के जंगल से जाने वाले लोगों को भी रास्ता देता है। पनामा वो देश है,जिससे दक्षिण अमेरिका से उत्तर अमेरिका पहुंचा जा सकता है। इस क्षेत्र का जिस सेना अफसर के पास नियंत्रण होता था, वो साल भर में इतना ज्यादा पैसा डॉलर में कमा लेता था कि जिसको गिना नहीं, तौला जाता था।
यहां अवैध काम करने वाले लोगों और पैरा मिलिट्री ने मिलकर 412 लोगों की हत्या की है। 4 हजार से ज्यादा मानव अधिकार का हनन हुआ है, 18 बार इन लोगों को विस्थापित किया गया है।
कौमूनी दाद दे पाज़ 27 वर्ष पुराना है जिसकी स्थापना 23 मार्च 1997 को हिंसा से बचाने और प्रकृति के रक्षण-संरक्षण के लिए हुई थी। समुदाय को हॉलैंड के एक व्यक्ति ने यहां जमीन देकर बसाया था।
यहां एक नदी भी मौजूद है जिसका नाम रियो सान होजेज हैं। बहुत समय पहले इस नदी के किनारे बसे सान होजेज़ समुदाय गुरैला और पैरा मिलिट्री के बीच क्षेत्र के नियंत्रण को लेकर हुई लड़ाई के कारण भाग गए थे। जब यह लड़ाई बंद हुई तब गुरैला के लोग ही पैरा मिलिट्री में शामिल हो गए थे।
इस समुदाय ने अपने नियम बनाएं हैं कि समुदाय में कोई भी हथियार नही रखेगा, कोई असंवैधानिक जमीन पर कब्जा नही करेगा, कोई भी शराब ना बनाएगा और ना पिएगा, आपस में झगड़े का समाधान सभी मिलजुलकर ही करेंगे। यह प्रकृति के रक्षण-संरक्षण करने वाला अनोखा समुदाय है।
इस क्षेत्र में अवैध व्यापार को रोकने के लिए कई प्रयास किए गए। इसी प्रयास में शांति स्थापित करने के लिए कौमूनीदाद दे पाज़ समुदाय बना था लेकिन यहां की पुरानी सरकार अपने अवैध कामों को चलाने के लिए ऐसे समुदाय जो सरकार के गलत कामों को गलत कहने की हिम्मत रखते हैं, वैसे लोगों को इस क्षेत्र में बसने की इजाज़त नहीं देती थी।
नई सरकार ने ऐसे समुदाय को उनके मूल स्थान पर बसाएं रखने में आपत्ति नहीं करती लेकिन पैरा मिलिट्री इनको उजड़ने के लिए तत्पर रहती है। तब इस समुदाय को समझ आया कि यह लड़ाई पैसों के लिए है, ना की विचारधारा की; क्योंकि यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से बहुत धनी है, यहां के पहाड़ों में अनेक प्रकार के खनिज पदार्थ मौजूद हैं।
जब शांति समुदाय कौमूनीदाद दे पाज़ ने सरकार और पैरा मिलिट्री के द्वारा पनप रहे व्यापार को रोकने और क्षेत्र में शांति कायम करने का विचार किया तो पुरानी सरकार ने इन्हें अपने विरुद्ध मान लिया था। यहां की सरकार और गुरैला फाइटर ने इन्हें सारी सुविधाओं से वंचित कर दिया था। लेकिन जब नई पेट्रो सरकार ने अपनी पैरा मिलिट्री से कहा कि इस शांति से जीने वाले समुदाय को शांति कायम करने के लिए सम्मानित करना व माफी मांगना चाहते हैं, लेकिन तभी यहां के पैरा मिलिट्री के जनरल ने इसके लिए साफ इंकार कर दिया और कहा कि जब तक यह आदेश कोटो से ना मिले तब तक उस पर अमल नहीं करेंगे। इसका अर्थ है कि, पेट्रो की सरकार में भी पेट्रो की कम और पैरा मिलिट्री की ज्यादा चलती है। वर्तमान सरकार लोगों की सरकार मानी जाती है लेकिन यह सरकार भी बड़े माफिया ही चला रहे हैं, क्योंकि गुरैला समुदाय के लोग ही पैरा मिलिट्री में शामिल है। इसलिए सरकार अवैध व्यापार को नहीं रोक पा रही है।
इसलिए इन सभी परिस्थितियों से लड़कर इस शांति समुदाय ने खुद अपने खाने, रहने और सभी सुविधाएं स्वयं से की। अब इस पहाड़ी क्षेत्र में बड़ी कंपनियों द्वारा की जाने वाली केले और गन्ने की खेती दिखाई देती है। यहां केले की डेढ़ दो मीटर गहरी नालियां खोदकर रूपाई की जाती है क्योंकि यहां बरसात अधिक होती है। यह भारत जैसी खेती तो नहीं है लेकिन पहाड़ी पर भी गन्ना होता है। यहां कॉफ़ी के बहुत बड़े खेत है,जो दुनिया में प्रसिद्ध है।
*जलपुरुष के नाम से विख्यात जल संरक्षक