कालपी बस स्टैंड पर बवाल: लूट और आगजनी
उरई: कालपी बस स्टैंड की उस शुक्रवार अगस्त 29 की रात, जब एक युवती के साथ छेड़खानी की शुरुआत देखकर भी पीआरवी-5700 पुलिस गाड़ी चुपचाप आगे बढ़ गई, उरई के हर दिल में डर और आक्रोश भर गया, क्योंकि उस अपमान ने पूरे शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया।
रात दस बजे, एक प्राइवेट बस काउंटर की खिड़की पर बैठी थी एक युवती, जो अपनी ड्यूटी निभा रही थी। उसका चेहरा दिनभर की मेहनत की थकान बयां कर रहा था, मगर वह अनजान थी कि उसकी इज्जत और सुरक्षा खतरे में है। नशे में धुत शादाब खान और उसका भाई माजिद खान वहां पहुंचे और उसका वीडियो बनाना शुरू कर दिया, अश्लील हरकतों के साथ उसे डराने और अपमानित करने की कोशिश की।
ठीक उसी वक्त, पीआरवी-5700 गाड़ी में सवार पुलिसकर्मी—हेड कांस्टेबल अवध किशोर, महिला सिपाही मधू, सिपाही भारती, और होमगार्ड चालक दयाशील—ने युवती की असहाय स्थिति और शुरूआती हंगामा देखा, मगर उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी। वे चुपचाप आगे बढ़ गए, जैसे कोई अपराध हुआ ही न हो। लोगों का गुस्सा भड़क उठा—अगर पुलिस ने उस पल सतर्कता दिखाई, अपनी ड्यूटी निभाई होती, तो शायद युवती का अपमान रुक जाता, और ये छोटा सा विवाद उस भयानक तांडव में न बदलता।
इस गंभीर छेड़खानी ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया। हंस बाबा की दुकान पर बैठे बस संचालक अभिषेक निरंजन ने जब इन हरकतों का विरोध किया, तो डंडों और सरियों की मार ने उसे खून से लथपथ कर जमीन पर गिरा दिया।
बस मालिक का बेटा अंशु अपने भाई को बचाने दौड़ा, मगर उसे भी लाठियों और सरियों से बेरहमी से पीटा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद बजरिया से 40-50 युवकों का झुंड आ गया। उन्होंने गणेश कंप्यूटर सेंटर में घुसकर तोड़फोड़ मचाई, गोलक से 80 हजार रुपये लूट लिए, और कमल बस सेंटर की दो बाइकों में आग लगा दी। धमकी भरी आवाज़ गूंजी—हर 15 दिन में सभी दुकानदार 50 हजार रुपये दो, वरना जान से जाओगे, ये तो बस शुरुआत है।
शहर में तनाव की लहर दौड़ गई। दुकानदारों के चेहरों पर डर और गुस्सा साफ दिख रहा था, जबकि राहगीर सन्नाटे में डूब गए। सूचना पर एएसपी और कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा। देर रात पटेल नगर के सुरेंद्र निरंजन, जिनकी दुकान पर ये हादसा शुरू हुआ, ने थाने में तहरीर दी। उनकी आवाज़ में उस रात का दर्द और डर झलक रहा था। उन्होंने बताया कि शादाब और माजिद ने पड़ोसी की दुकान पर बैठी महिला सवारी के साथ अश्लील हरकतें शुरू की थीं। अभिषेक ने विरोध किया, तो उन पर डंडों और सरियों से हमला हुआ। अंशु ने बीच-बचाव की कोशिश की, मगर उसे भी बेरहमी से पीटा गया। बजरिया से आए युवकों ने हंस बाबा की दुकान और गणेश कंप्यूटर सेंटर में तोड़फोड़ की, 80 हजार रुपये लूटे, और बस संचालक दिलशाद ने बाइकों में आग लगा दी।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर शादाब, माजिद, और अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा, छेड़खानी, जानलेवा हमला, लूट, और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया। पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, मगर मुख्य आरोपी—शादाब, माजिद, और दिलशाद—अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
शनिवार दोपहर सीओ अर्चना सिंह और नायब तहसीलदार राहुल यादव के नेतृत्व में पुलिस, नगर पालिका की टीम, और बुलडोजर ने सख्त कार्रवाई की। दिलशाद के ट्रैवल्स को ध्वस्त किया गया, टीन टप्पर और सामान जब्त कर जगह खाली करवाई गई। जेल रोड पर रामकुंड के पीछे माजिद का मकान और बजरिया में शादाब का घर बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। जेल चौकी क्षेत्र में उनके अवैध अतिक्रमण को भी नेस्तनाबूद किया गया। एक घंटे की कार्रवाई ने मोहल्ले को सन्नाटे में डुबो दिया; लोग चुपचाप टूटते मकानों को देखते रहे। माहौल को शांत रखने के लिए दस थानों की पुलिस ने शहर में डेरा डाल लिया। एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य जानकारी से हर दोषी को चिह्नित किया जाएगा। गैंगस्टर और एनएसए की कार्रवाई होगी, और आरोपियों की संपत्ति चिह्नित कर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने सख्त लहजे में कहा कि मामले की गहन जांच हो रही है। मुख्य आरोपियों—शादाब, माजिद, और दिलशाद—के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। संरक्षण देने वालों पर भी कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नेटवर्क में शामिल हर शख्स को विधि की सजा भुगतनी होगी। पुलिस का दावा है कि फरार आरोपी जल्द पकड़े जाएंगे।
ये घटना उरई के लिए एक कड़वा सबक है। एक युवती के साथ छेड़खानी, जिसे पुलिस की सतर्कता रोक सकती थी, ने अभिषेक और अंशु का दर्द, जलती बाइकों की लपटें, और लूट की चीखें पैदा कीं। शहरवासियों के मन में सवाल गूंज रहा है—अगर पुलिस समय पर कदम उठाए, तो क्या ऐसी रातें दोबारा आएंगी?
*वरिष्ठ पत्रकार


