शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक एडवोकेट प्रशांत पाटनी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जयपुर में उनके निवास पर ज्ञापन सौंपा
शाहाबाद की जैव विविधता बचाने की गुहार, मुख्यमंत्री को ज्ञापन
जयपुर: शाहाबाद जिला बारां के कंजर्वेशन रिजर्व फॉरेस्ट में ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की पंप्ड स्टोरेज हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए 4 लाख से अधिक पेड़ काटे जाने के प्रस्ताव के खिलाफ शाहाबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक एडवोकेट प्रशांत पाटनी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जयपुर में उनके निवास पर ज्ञापन सौंपा। पाटनी ने चेतावनी दी कि इस परियोजना से हजारों साल पुरानी दुर्लभ जैव विविधता को खतरा है, जिसमें 450 औषधीय पेड़ों की 332 प्रजातियां और अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की लाल सूची में दर्ज विलुप्तप्राय पेड़, पौधे, वन्यजीव, कीट, और पक्षी शामिल हैं।
1948 में स्थापित वैश्विक संगठन आईयूसीएन का मुख्य उद्देश्य प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना, जैव विविधता को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना है। आईयूसीएन की लाल सूची विश्व भर में प्रजातियों के विलुप्त होने के खतरे का आकलन करती है, जिसमें पौधे, जानवर, पक्षी और कीट शामिल हैं। यह सूची प्रजातियों को उनकी संकटग्रस्त स्थिति के आधार पर वर्गीकृत करती है, जैसे संकटग्रस्त, गंभीर रूप से संकटग्रस्त, या विलुप्तप्राय।
पाटनी ने बताया कि शाहाबाद जंगल से होकर कूनो नेशनल पार्क के चीता प्रोजेक्ट के लिए प्रस्तावित चीता कॉरिडोर, जो गांधी सागर सेंचुरी तक जाता है, भी अवरुद्ध होगा। इस कॉरिडोर के लिए प्रधानमंत्री ने नामीबिया और अफ्रीका से चीतों को लाकर बसाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से परियोजना के लिए वैकल्पिक स्थान चुनने का आग्रह किया, जैसे वन भूमि जहां केवल जूली फ्लोरा (विलायती बबूल) या कम घना जंगल हो, साथ ही पहाड़ की ऊंचाई और पानी की उपलब्धता हो।
उन्होंने सुझाव दिया कि कोटा और झालावाड़ जिले में कोटा स्टोन खनन से बने सैकड़ों हेक्टेयर के खनन पहाड़ों का माइन रिहैबिलिटेशन कर परियोजना को वहां शिफ्ट किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने पाटनी की बात धैर्यपूर्वक सुनी और समस्या को समझने का प्रयास किया।
*वरिष्ठ पत्रकार
