न्यू जर्सी: बाढ़-सुखाड़ मुक्ति की युक्ति खोजनी होगी। बाढ़-सुखाड़ के कारण दुनिया विस्थापित हो रही है। बाढ़ – सुखाड़ मुक्ति के लिए दुनिया में कुछ समुदायों ने प्रयास किए हैं। लेकिन वह प्रयास अधूरे इसलिए रह गए हैं क्योंकि, उन प्रयासों को सरकारों का सहयोग नहीं मिला।
राष्ट्रीय सरकारों ने बाढ़-सुखाड़ मुक्ति को अपने एजेंडा पर नहीं रखा, बल्कि सरकारों ने बाढ़-सुखाड़ नियंत्रण को ही अपना लक्ष्य बनाकर रखा। बाढ़-सुखाड़ का नियंत्रण करना तो दुनिया में संभव नहीं है। अभी तक जिन सरकारों ने बाढ़ नियंत्रण किया, उन देशों में बाढ़-सुखाड़ बढ़ी है – जैसे बेल्जियम में सेल्ड नदी । भारत में बिहार में नदियों के चलते तो वहां पर बाढ़ बढ़ गई और सुखाड़ के नाम पर जहां बड़े बांध बनाए, उससे ज्यादा और असिंचित क्षेत्र बढ़ता गया।
सुखाड़ बाढ़ के नियंत्रण का सिद्धांत ठीक नहीं है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ में बाढ़-सुखाड़ मुक्ति के लिए श्रमनिष्ठ बनने पर जोर दिया जाएगा, जिससे प्रकृति में विस्थापन, बिगाड़ न हो। इसके लिए प्रकृति जैसी है, वैसी बनाए रखते हुए काम आरंभ करना होगा, तब यह धरती प्रकृति बाढ़-सुखाड़ मुक्त बनेगी।बाढ़ सुखाड़ मुक्ति की प्रक्रिया खर्चीली नहीं है। यह युक्ति भारत के राजस्थान के अलवर जिला स्थित तरुण भारत संघ से सीखकर, दुनिया को बाढ़-सुखाड़ मुक्त बना सकते हैं।
यहां एक सम्मेलन में आज पहले दिन यहां कैलिफ़ोर्निया से आए युवा पर्यावरणविद् ईथन ने कहा कि उन्होंने भारत जाकर तरुण भारत संघ का कार्य देखा है । इसलिए अमेरिका और यूरोप में तरुण भारत संघ जैसे कामों से सीख लेकर करने की जरूरत है। इंग्लैंड से आए निक निकोलसन ने कहा कि बाढ़ सुखाड़ मुक्ति की युक्ति संस्तुति और निष्कर्ष को अधिक प्रचारित प्रसारित करने पर जोर देना चाहिए। तेलंगाना वॉटर रिसोर्सेज डेवलपमेंट कारपोरेशन के चेयरमैन वीरमल्ला प्रकाश राव ने कहा कि उनकी राज्य सरकार और समाज तरुण भारत संघ से सीख लेकर जल संरक्षण का काम कर रहे हैं। ऐसे कार्य सभी राज्यों में करने की जरूरत है।
तरुण भारत संघ ने बाढ़-सुखाड़ मुक्ति का काम सामुदायिक विकेंद्रति पद्धति से किया है। यह सम्मेलन दो दिन चलेगा। तीसरे दिन सम्मेलन की संस्तुति और निष्कर्ष को संयुक्त राष्ट्र संघ में जल के क्षेत्र में कार्य करने वाले जल के क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञों का एक भारतीय प्रतिनिधि मंडल प्रस्तुति करेगा।
*जलपुरुष के नाम से विख्यात जल संरक्षक