– अनिल शर्मा
लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में हुए “भीषण” भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश में विपक्ष की सरकार होती तो केंद्र कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अब तक अधिकारियों और ठेकेदारों के यहां सीबीआई और ईडी के तमाम छापे डलवा चुकी होती और हो सकता कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के यहां से भ्रष्टाचार का तमाम धन बरामद करके उन्हें जेल भेजा जा चुका होता|
“लेकिन डबल इंजन की सरकार है उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं और केंद्र में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं| किस कारण से यूपी डाके अधिकारियों पर शिकंजा नहीं कसा गया? प्रत्यक्षदर्शियों तथा सड़क निर्माण के मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि लगभग 15000 करोड़ों रुपए की लागत से यह बुंदेलखंड एक्सप्रेस का निर्माण रिकॉर्ड 28 महीने के भीतर कर लिया गया,” यादव ने कहा|
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे लगभग 296 किलोमीटर लंबा है जो इटावा के कुकरेल से लेकर चित्रकूट के भरतकूप तक जाता है | बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे लगभग 111 मीटर चिडा है |अभी यह चार वलेन का है जिसे बढा कर 6 लेन किया जाना है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में इसकी आधारशिला रखी थी जिसे बनकर 36 महीने बाद वर्ष 2023 में बना था| चर्चा यह है |कि अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद चहेते अधिकारी रहे इसलिए यूपी डा के अधिकारियों ने जय कोशिश की यदि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे अपने निर्धारित समय से कम समय में बन जाएगा तो इसके आधार पर अपर मुख्य सचिव श्री अवस्थी को अपने आप 1 वर्ष का एक्सटेंशन मिल जाएगा| लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई 2022 को इसका जालौन जिले कैथेरी गांवविधिवत उद्घाटन किया था | लेकिन उसके उद्घाटन के बाद ही सिर्फ 4 महीने के भीतर ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के धसना जगह-जगह उखड़ जाना तथा फोरलेन में से दो लाइन में लगातार काम होने कारण आए दिन वाहनों की भिड़ंत के कारण होने वाले हादसे में प्रधानमंत्री को बुरी तरह नाराज कर दिया| बताते हैं कि इसी के चलते पीएमओ ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के 1 वर्ष के एक्सटेशन को हरी झंडी नही दिखाई| इस कारण अवनीश अवस्थी कोएक्टेशन तो नही मिल पाया लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मुख्यमंत्री का सलाहकार बना दिया|
पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने आरोप लगाया 14850 करोड़ से बने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में जो इटावा में करहल से आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ता है तथा चित्रकूट में भरत को से लेकर इटावा के करहल तक जो 296 किलोमीटर तक जाता है, इस एक्सप्रेस वे के बदले से यह योजना बनाई गई थी यात्रियों को बुंदेलखंड से दिल्ली जाने में कम से कम 3 से 4 घंटे की बचत होगी लेकिन इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में जितना भीषण भ्रष्टाचार हुआ उसने तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिसकी जांच निष्पक्ष रुप से कराई जाए जिसमें जांच अधिकारी हाईकोर्ट का कोई रिटायर्ड जज तो यह इतना बड़ा घोटाला साबित होगा जिसकी लोगों कल्पना भी नहीं है इसमें कई हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है|
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो