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राज्यों से : उत्तराखंड
देहरादून : उत्तराखंड सरकार अब कावड़ के लिए पड़ोसी राज्यों को गंगा जल उपलब्ध कराएगी। पीतल के बड़े कलश में हर की पौड़ी से गंगाजल भरकर संबंधित राज्यों को उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल जैसे राज्यों को आमंत्रित करेगी। इसे शिव भक्तों को उनके घर के पास ही गंगाजल मिल जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद हरिद्वार में आगामी 6 जुलाई से आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हरिद्वार से शुरू होने वाली छड़ी यात्रा का आयोजन पिछले साल की तरह इस साल भी तय समय पर मनाया जाएगा परंतु इस साल सीमित संख्या में ही लोगों को शामिल होने का मौका मिलेगा।
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कोविड-19 को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि लोगों को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने से रोका जाए। लोग जल अभिषेक स्थानीय स्तर पर निर्धारित गाइडलाइंस का पालन करते हुए कर सकते हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जल्द ही इस बारे में राजस्थान दिल्ली व पंजाब के मुख्यमंत्रियों से भी बातचीत करेंगे।
एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस. ने बताया कि 6 जुलाई से सावन की शुरुआत को देखते हुए शुक्रवार से जिले की सीमाएं सील कर दी जाएंगी और यह व्यवस्था 20 जुलाई तक रहेगी। इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं के अलावा अस्थि विसर्जन और जिन्हें पहाड़ की ओर जाना है साथ ही हरिद्वार से बाहर जाने वाले लोगों को जाने की अनुमति है। इसके साथ ही उत्तराखंड के लोगों को भी पास होने पर ही यहां आने दिया जाएगा और साथ ही बाहरी राज्यों से अनुमति लेकर यहां आने वाले लोगों को भी नहीं आने दिया जाएगा। बाहरी राज्यों के अधिकारियों से अपील की गई है कि हरिद्वार का पास जारी नहीं किया जाए। रोक लगा ने के बावजूद जल लेने हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों को राज्य की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा और साथ ही कांवड़ियों को प्रशासन द्वारा चिन्हित होटलों और धर्मशाला में 14 दिन तक क्वॉरंटाइन में रखा जाएगा। इसी के साथ यह भी निर्णय लिया गया कि होटल और धर्मशाला में रहने और खाने का पूरा खर्च कांवड़ियों से ही लिया जाएगा। इसके अलावा हरिद्वार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कांवड़ बनने के प्रयोग में आने वाले सामानों की बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंध कर दिया जाएगा और जो लोग सड़कों के किनारे कांवड़ सेवा शिविर लगाएंगे उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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