– ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती*
प्रयागराज: गौ माता भारतीय धर्म-संस्कृति की आत्मा हैं। गौ माता का पालन करके भारतीय समाज सर्वभांति आर्थिक उन्नयन प्राप्त कर सकता है। गौ से प्राप्त होने वाले प्रत्येक अवयव मनुष्य मात्र के कल्याण का हेतु हैं। उनका दूध तो अमृत है ही। गोमूत्र और गोबर भी किसी औषधि से कम नहीं है।
भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए थे लेकिन वे सारे लोग सुरक्षित बच गए थे जिनके घर गाय के गोबर से लीपे हुए थे। जिस गौ माता का गोबर इतना चमत्कारी है उनके दूध में कितनी शक्ति होगी इसका अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है।
दुर्भाग्यवश कुछ कुटिल प्रकृति के लोग हमारे भारतीय गोवंश का सत्यानाश करने पर लगे हुए हैं। उनके मांस का कारोबार करके अधिक से अधिक धन अर्जित करने की फिराक में लगे लोग भारतीय मूल गायों का संकरीकरण करने पर आमादा है। हमें न सिर्फ गाय के मांस का कारोबार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाने के लिए अभियान चलाना है बल्कि गौ माता के संकरीकरण को भी रोकना है। जब हम गौ माता की रक्षा करने के लिए तत्पर होंगे तभी हम राष्ट्र रक्षा की ओर भी अपने कदम बढ़ा सकेंगे।
भारतीय नस्ल की गाय को ही हमने ‘रामा गाय’ के नाम से संबोधित किया है। यहां ‘रा’ का अभिप्राय: राष्ट्र से और ‘मा’ का अभिप्राय माता से है। जब तक धार्मिक हिन्दू जागृत नहीं होगा तब तक राजनीतिक हिन्दू अपनी डफली अपना राग अलापते रहेंगे और गाय को रामा गाय बनाने का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकेगा।
राजनीतिक हिन्दुओं के द्वारा मचाए जा रहे शोर में धार्मिक हिन्दू की आवाज दबकर न रह जाए इसलिए उन्हें जागृत करने का दायित्व, देशभर के संत-महात्मा निभाने के लिए तत्पर हैं। गाय के भरोसे ही फलने-फूलने वाली संतति यदि गाय की रक्षा के लिए आगे नहीं आएगी आने वाला समय उन्हें क्षमा नहीं करेगा। न सिर्फ मूल भारतीय गोवंश को दूषित कर दिया जाएगा बल्कि गो मांस का घृणित और पापयुक्त कारोबार करने वाले लोग निजी स्वार्थ के लिए भारतीय नस्ल की गायों का समूल संहार करके उनके स्थान पर संकरित नस्ल की गायों को ही भारतीय गाय के रूप में प्रस्तुत कर देंगे। यह भारत और भारतीयों दोनों के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
इससे पहले कि ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण दिन आए हम समस्त धार्मिक हिन्दुओं को सजग हो जाना होगा। पूरे भारत से एक स्वर में आवाज उठानी होगी कि गाय को राष्ट्र माता का आसन दिया जाये। हर धार्मिक हिन्दु भारतीय मूल के गोवंश से भली भांति परिचित हो इस बात को दृष्टिगत रखते हुए एक आन्दोलन गतिशील किया गया है जिसका मूल उद्देश्य यह है कि धार्मिक हिन्दुओं को बच्चा-बच्चा अपनी गौ माता को पहचाने और कहीं भी उनपर अत्याचार होता देख कर उनके समर्थन में खड़ा हो जाए।
*संजय पाण्डेय, मीडिया प्रभारी, ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य के सौजन्य से