वाराणसी: नागकूप में स्थापित होगा महर्षि पतंजलि का विग्रह। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती ने ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती की इच्छानुसार महर्षि पतञ्जलि जी का विग्रह नागकूप में स्थापित करने हेतु आज कुन्दन पाण्डेय और राजीव पाण्डेय को समर्पित किया जो मंदिर के प्रधान पुजारी तुलसी पाण्डेय के पुत्र हैं और सहायक के तौर पर विगत 30 वर्षों से सेवा कर रहे हैं।
नागकूप महर्षि पतंजलि की तपोस्थली एवं कर्मभूमि रही है। महर्षि पतंजलि ने नाग कुआं पर अपनी तपस्या एवं साधना की थी। बताया जाता है इसी स्थान पर महर्षि पतंजलि ने महाभास्य, अष्टाध्यायी ग्रंथो की रचना की थी।
महर्षि पतंजलि स्वयं भगवान शेषनाग के अवतार माने जाते हैं। नाग कुआं के तली में विराजमान शिवलिंग को महर्षि पतंजलि के द्वारा स्थापित बताया जाता है। नाग पंचमी तिथि को नाग कुआं पर भव्य मेले का आयोजन होता है। आज भी यहां पर शास्त्रार्थ की परम्परा चली आ रही है।
उक्त जानकारी देते हुए शङ्कराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती की इच्छा थी कि नागकूप में महर्षि पतञ्जलि का विग्रह स्थापित हो।
ब्रह्मलीन शङ्कराचार्य की इस इच्छा की पूर्ति हेतु ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ने ओडिशा से विशेष काले पत्थर का करीब 5 कुन्तल का महर्षि पतञ्जलि जी का विग्रह बनवाकर काशी मंगवाया था और आज शङ्कराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में इस विग्रह को नागकुप में स्थापित करने हेतु समर्पित कर दिया।
इस अवसर पर स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ने कहा कि उन्हें ब्रह्मलीन गुरुदेव महाराज की इच्छा को पूर्ण कर अत्यन्त सन्तोष का अनुभव हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा सनातन धर्म में महर्षि पतञ्जलि जी का विशेष स्थान रहा है और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
इस अवसर पर सर्वश्री:- ब्रह्मचारी परमात्मानंद, मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय, कुंदन पाण्डेय, राजीव पाण्डेय, अविनाश, रामचन्द्र सिंह सुजाना बहन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो