– डॉ सतीश के गुप्ता*
एक शहर – 24 घंटे में 25 मौतें वो भी हार्ट अटैक से क्यों?
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शीत लहर थमने का नाम नही ले रही। शीतलहर का सबसे ज्यादा असर सांस और दिल के मरीजों पर पड़ता है। ये भी सही है कि सर्दियों की ठंडी खुश्क रात को हार्ट अटैक के केस बढ़ जाते हैं।
कानपुर के एक अस्पताल में एक दिन के अंदर 723 दिल के मरीजों को भर्ती कराया गया. इनमें 40 से ज्यादा मरीज गंभीर हालत में थे. 723 में से 39 मरीजों का ऑपरेशन करना पड़ा. वहीं, सात लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। साथ ही हार्ट और ब्रेन अटैक से शहर में एक दिन में 25 लोगों की मौत हुई। इनमें 17 हृदय रोगी तो कार्डियोलॉजी की इमरजेंसी तक भी नहीं पहुंच पाए। उन्हें चक्कर आया, बेहोश हुए और मौत हो गई।
दिल के दौरे की संभावना सुबह-सुबह क्यों होती है? विशेष कर सर्दियों में?
अक्सर दिल का दौरा (हार्ट अटैक) सुबह-सुबह 4 बजे होता है क्योंकि सुबह लगभग 4 बजे हमारे शरीर में साइटोकिनिन हारमोन का प्रवाह बढ़ जाता है और ये हारमोन हृदय की गति को असंतुलित और अव्यवस्थित कर सकते हैं और रक्त चाप (ब्लड प्रेशर) को बढ़ा सकते है
शायद यही वजह की हमारे ऋषि मुनियों ने सुबह चार बजे उठ कर, योग की सलाह दी जिससे हम इस अपने शरीर में सुबह चार बजे अति सक्रिय सहानुभूति तंत्रिका तंत्र को योग द्वारा पैरासिंपथेटिक प्रणाली मेँ ले जा सके और रक्त चाप को अधिकाधिक बढ्ने से रोक सकें ।
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दिन में, हम सभी सतर्क और सक्रिय रहते हैं, जबकि रात में, हम अपनी काफी संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग करने के बाद थक कर सो जाते हैं और हमारा ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। लेकिन हमारे शरीर मेँ एक जैविक घड़ी होती है जो सम बद्ध तरीके से शरीर के अंगों की प्रक्रिया का संचलन करती है और इसी के कारण, सुबह-सुबह, चार बजे, नींद के दौरान कम होने वाले रक्त चाप के प्रतिक्रिया स्वरूप सहानुभूति तंत्रिका तंत्र(sympathatetic nervous system) को सक्रिय कर दिया जाता है पर इससे ब्लडप्रेशर और हार्ट रेट बढ़ जाता है। हृदय गति और रक्तचाप में अचानक होने वाली यह वृद्धि हृदय को चिड़चिड़ा बना देती है। और कई हृदय रोगियों को सुबह-सुबह कार्डियक अरेस्ट या दिल का दौरा पड़ जाता हैं। अगर ये प्रक्रिया मस्तिष्क की धमनियों पर असर करती है तो ये स्ट्रोक या फलिस के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है ।
- सर्कैडियन सिस्टम सुबह रक्त में अधिक पीएआई-1 कोशिकाओं (Plasminogen activator inhibitor-1) को छोड़ता है, रक्त में पीएआई -1 की मात्रा जितनी अधिक होगी, रक्त के जमाने या थक्के बनने की संभावना उतनी ही अधिक होगी जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
- मधुमेह, उच्च रक्तचाप और नियमित धूम्रपान अधिक जोखिम बढ़ाने वाले कारक हैं।
- वर्तमान समय में पहले की तुलना में कम उम्र में ही दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट के अधिकाधिक रोगी देखे जा रहे हैं। इसकी वजह है अनियमित जीवन शैली, अशांत नींद-जागने का चक्र, मानसिक/मनोसामाजिक तनाव में वृद्धि, शराब का सेवन, वायु प्रदूषण के साथ अस्वास्थ्यकर आहार की आदतें।
दिल्ली में 9 जनवरी 2023 के तड़के 1.4℃ तापमान रेकॉर्ड किया गया जो कि आस पास के हिल स्टेशनों से भी कम था। क्या करें ताकि हार्ट अटैक से बचा जा सके?
हृदय के अच्छे स्वास्थ्य के लिए
◆ सर्दियों में याद करके पानी पीएं ताकि खून गाढ़ा न हो
◆ ज्यादा सर्दी में बाहर न निकले. घर में व्यायाम योग करें
◆ लोग स्वेटर तो पहनते है पर नाक और मुह से अंदर जाने वाली ठंडी हवा शरीर को नुकसान पहुँचाती है। मफलर या शॉल का प्रयोग करे।
◆ सर्दियों में डॉक्टर से मिल कर शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाएं बढ़ाएं।
◆ कम से कम 7-8 घंटे की नींद अवश्य लें।
◆अपेक्षाकृत तनाव मुक्त जीवन बनाए।
◆स्वस्थ आहार ले।
◆ धीमी गति से चलने वाली सुबह की क्रियाएँ जैसे योग करें, ध्यान लगाएं , भजन की ओर अग्रसर हों
*डॉ सतीश के गुप्ता मेडिसिन में एमडी हैं, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में विजिटिंग सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन और इंटर्निस्ट हैं।