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राज्यों से: हिमाचल प्रदेश
– लता
शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष लगभग ३० मिलियन सेब की पेटियों के उत्पादन तथा अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ५-६ लाख मीट्रिक टन अधिक उत्पादन होने का अनुमान है। राज्य के बागवानी सचिव अमिताभ अवस्थी फलों की व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करते हुए शुक्रवार को कहा कि सेब को मंडियों तक ले जाने के लिए लगभग ६८ हजार ट्रकों की तथा अगस्त और सितंबर के महीनों में ७५ हजार अधिक ट्रकों की आवश्यकता होगी।
प्रदेश के फल और सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान के कहा कि बागवानी की हर साल तीस फीसदी से ज्यादा फसल मंडियों में पहुंचने से पहले ही खराब हो जाती है और भारी नुकसान का कारण बनती है। यह गांव के पास छोटे कोल्ड स्टोरेज, पैकिंग ग्रेडिंग और विधायन यूनिटों की सुविधा ना होने के कारण है। उपयुक्त क्षमता के कोल्ड स्टोर नहीं मिलने के कारण प्रदेश के किसानों और बागवानों को परेशानी उठानी पड़ती है। उन्हें फसल मंडियों में तुरन्त बेचनी पड़ती है जिसके कारण अच्छा दाम भी नहीं मिल पाता। प्रदेश की सरकार को किसानों के लिए ये आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है।
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में अभी बागवानों की कुल तैयार फ़सल में से केवल सात फीसदी फसल को कोल्ड स्टोर में रखने की व्यवस्था है। इसी कारण से प्रदेश के बागवानों को हर साल करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ता है। बागवान काफी समय से सरकार के सामने फसलों को भंडारण के लिए गांव के पास छोटे कोल्ड स्टोर और फल विधायन यूनिटों को स्थापित करने की मांग करते आए है।
फल उत्पादक और किसानों को फलों और सब्जियों का उचित मूल्य मिल सके और समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके इसलिए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भी शुक्रवार को राजभवन में बागवानी विभाग के अधिकारियों से राज्य में कोल्ड स्टोर श्रृंखला को और अधिक विकसित करने को कहा। राज्यपाल ने कहा कि गैर सेब उत्पादक पड़ोसी जिलों से मजदूरों को स्थानांतरित किया जा सकता है। उन्होंने कोल्ड स्टोर बनाने के संदर्भ में कहा कि उत्पादकों को पैकिंग सामग्री की अग्रिम उपलब्धता सुनिशचित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
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