गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनकारी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जोगिन्दर सिंह उग्रहा ने कहा की जिस प्रकार आज सभी बॉर्डर पर सरकार द्वारा इंटरनेट बिजली पानी की व्यवस्था को बंद किया जा रहा है, जो खाई और तारे लगाई जा रही है, ऐसी स्थिति में सरकार से किसानों के वार्ता का माहौल नहीं बन सकता है।
उग्रहा ने कहा कि आज धरना स्थलों पर जिस तरह से माहौल बनाया जा रहा है, तारबंदी की जा रही है, बिजली काटी जा रही है, शौचालय नहीं दिए जा रहे हैं और इंटरनेट बंद कर दिया गया है , यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन है। “आखिर सरकार चाहती क्या है? लोकतंत्र में इन सब चीजों के लिए कोई स्थान नहीं है यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन है हम इसकी निंदा करते हैं ,” उन्होंने कहा।
उग्रहा ने चेतावनी दी कि किसानों के गुस्से को जल के माध्यम से शांत किया है और सरकार गलतफहमी में ना रहे।अगर जल के बदले आग मांगने का आह्वान कर दिया तो सरकार संभाल नहीं पाएगी। “इस पवित्र जल को सरोवर सहित देश की सभी नदियों में प्रवाहित किया जाएगा,” उन्होंने कहा और सरकार से कहा कि किसान रोटी को तिजोरी में बंद करने के प्रयास को सफल नहीं होने देंगे। “जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उससे प्रतीत होता है कि यह आंदोलन अब नवंबर तक चलने वाला है। इसमें हम बदलाव के आधार पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देंगे । क्योंकि लड़ाई लंबी होने जा रही है।”
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उन्होंने सरकार पर वार्ता का रास्ता छोड़कर दमन का रास्ता अपनाने का आरोप लगाया और दोहराया कि 26 जनवरी की घटना का उन्होंने और न ही भारतीय किसान यूनियन ने समर्थन किया है। “मंच के माध्यम से मेरा सवाल है कि 35 साल के किसान आंदोलन के इतिहास में हम दिल्ली हर साल आते हैं और नारा देते हैं कि संसद का घेराव करेंगे लेकिन आज तक संसद का घेराव नहीं कर पाए, फिर एक व्यक्ति एक रात पहले लाल किले का नारा देता है वह लाल किले सुबह पहुंच भी जाता है यह एक विचारणीय प्रश्न है। आंदोलन को हिंसा के रास्ते से तोड़ने का सरकार का जो षड्यंत्र है विफल हुआ है ,” उन्होंने कहा।
आज यहां दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर, जहां भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आंदोलन पर बैठे हैं, उनसे मिलने शिवसेना के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजय रावत के नेतृत्व में पांच सांसद उन्हें अपना समर्थन देने के लिए पहुंचे। साथ ही हरियाणा से आए कई खाप चौधरियों ने चौधरी राकेश टिकैत जी को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।
भारतीय किसान यूनियन के नेता धर्मेंद्र मलिक ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उनका आंदोलन लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार कील बंदी तारबंदी से अपने नागरिकों के रास्ते रोक रही है, मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। “किसानों पर अगर रास्ते रोके जाने के मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं तो दिल्ली पुलिस पर भी क्या कोई मुकदमा दर्ज होगा क्या देश की किसी अदालत द्वारा इसका संज्ञान लिया जाएगा यह भविष्य के गर्भ में है लेकिन हमारी मांग है कि रास्ता रोकने के लिए जो भी जिम्मेदार हो उन पर मुकदमे दर्ज हो ,” उन्होंने मांग किया।
मलिक ने दोहराया की किसान इस आंदोलन का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं लेकिन सरकार को भी चाहिए कि वह देश के प्रति गंभीरता दिखाए ।
-ग्लोबल बिहारी ब्यूरो