– डॉ. राजेंद्र सिंह*
गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिसने भी हिंसा का वातावरण निर्माण किया है। हम उसकी निन्दा करते है। 26 जनवरी 2021 भारत का गौरव गणतंत्र दिवस है। इसे शांतिमय गौरव से ही हमें मानना चाहिए। भारत के गण को जब इसमें गौरव होगा, तभी गणतंत्र दिवस बनेगा।
अभी तक किसान आंदोलन शांतिमय चल रहा था, आज अचानक कुछ अराजक तत्वों ने इसमें घुसकर हिंसा की है। लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ दूसरे ध्वज फहराना निंदनीय है। लाल किले पर किसानों को ट्रैक्टर परेड की स्वीकृति नहीं थी, इसलिए किसानों को वहाँ नहीं जाना चाहिए था। लाल किले पर कोई दूसरा ध्वज लगाना भी उचित नहीं है। इसकी सभी तरफ से निंदा होनी चाहिए। ऐसे उपद्रवी, शरारती और अराजक लोगों को पहचानकर, वो आगे ऐसा न करें, उनके हृदय-परिवर्तन का प्रयास किया जाना चाहिए।
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किसान आंदोलन ने अपने शांतिमय-अनुशासन से भारत के लोगों का दिल जीता है। उन्हें वैसा ही अनुशासन शांतिमय वातावरण निर्माण करने हेतु सभी जगह सर्व-धर्म प्रार्थना करनी चाहिए। अफवाहों को रोकने के लिए सच्चाई को सामने लाना चाहिए। किसान जिस प्रकार कानूनों को रद्द कराने हेतु सत्याग्रह-रत है, वैसा ही इस घटना के सत्य को उजागर करने का आग्रह भी किसान आंदोलन को करना चाहिए। इस घटना की सच्चाई भारत के लोक को पता चलना ही चाहिए क्योंकि, भारत के लोकतंत्र का मार्गदर्शन करने वाला भारत का संविधान आज के ही दिन लागू हुआ था। अपने संविधान का सम्मान, सच्चाई को सामने लाने से ही होगा। इस हेतु किसान आंदोलन में घुसे अराजक तत्वों को सभी के सामने लाने के लिए 30 जनवरी 2021 को सत्याग्रह, इसी हिंसा का सत्य जानने हेतु होवे। गाँव-गाँव, मोहल्लों-शहरों में होना जरूरी है।
गणतंत्र दिवस शांतिमय तरीके से आनंद व उत्सव का गौरव दिवस है, इस दिन ऐसी घटनाएं हमारे देश के लिए अच्छी नहीं, निंदनीय है। हम आज दिल्ली में हिंसा करने वालों की निंदा करते हैं । भारत गणतंत्र दिवस को भारत का गण गौरव मानकर अनुभव करता रहे।
*लेखक जलपुरुष के नाम से विख्यात पर्यावरणविद हैं। प्रकाशित लेख उनके निजी विचार हैं।
It is a very mild protest A person of your status should condemn such happening in a very strong manner