गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में गाजियाबाद के गाज़ीपुर बॉर्डर पर सात महीनों से प्रदर्शन पर बैठी संयुक्त किसान मोर्चा की घटक भारतीय किसान यूनियन ने ने आज आरोप लगाया कि भाजपा साजिश रच कर उत्तर प्रदेश में जातीय संघर्ष कराना चाहती है। एक विज्ञप्ति में उसने कहा कि सात माह से आंदोलनकारी किसान धरने पर बैठे हैं लेकिन इस दौरान कभी भी भारतीय जनता पार्टी अपने किसी नेता का स्वाागत करने उस जगह नहीं पहुंचे जहां बुधवार को करीब दो सौ- ढाई सौ भाजपाई स्वागत के नाम पर जुटे थे।
भाकियू ने कहा कि प्रदेश मंत्री के पद पर हुई अमित बाल्मीकि की नियुक्ति को भाजपा हाईलाइट करना चाहती थी, इसी लिए आलाकमान की ओर से गाजियाबाद के भाजपाईयों को अमित बाल्मीकि का जोरदार स्वागत करने के लिए संदेश भी प्राप्त हुआ था। भाजपाईयों ने जान बूझकर किसान आंदोलन के मंच के पास स्वागत कार्यक्रम के बहाने कार्यकर्ताओं को इकठ्ठा किया और फिर मंच पर कब्जा करने की कोशिश की और उसके बाद जो टकराव की स्थिति आई उसे स्वागत से जोड़कर दिखाया ताकि खबर की ओर सबका ध्यान जा सके। किसान आंदोलन को समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है, भाजपा को बस इसी बात से पीड़ा है और भाजपा लगातार सामाजिक ताना बाना तोड़ने के लिए षड़यंत्र कर रही है। आंदोलन स्थल पर बुधवार को हुआ वाकया भी इसकी एक बानगी है।
आज गाजीपुर बॉर्डर बॉर्डर पर हुई घटना के संबंध में गाजीपुर बॉर्डर से संयुक्त किसान मोर्चा के बॉर्डर प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा का अधिकृत बयान
“भाजपा का यह सुनियोजित प्लान था कि दलित समाज के नाम पर किसानों को बदनाम किया जाए,” यूनियन ने कहा और बताया कि भाजपाई जिस नेता का स्वागत करने पहुंचे थे वह 11 बजे के करीब पहुंचे और स्वागत के लिए भाजपाई करीब 10 बजे ही किसान आंदोलन मंच के पास पहुंच गए थे और एक घंटे से अधिक समय तक ढोल बजाकर अपने नेता का इंतजार करते रहे। भाकियू ने आरोप लगाया कि इस बीच उन्होंंने आंदोलनकारी किसानों को देखकर गाली-गलौज भी की।
“बुधवार को आंदोलन स्थल के पास हुआ वाकया भाजपा की उसी रणनीति का हिस्सा है। किसानों ने अनदेखी की लेकिन वे नहीं माने और हाथों में काले झंडे लेकर मंच की ओर आ गए। इस पर किसानों ने उनका विरोध किया तो वह भाग खड़े हुए। किसानों ने उनके द्वारा फेंके गए काले झंडे उठाकर उन्हीं के नेता को दिखाए और विरोध किया। इस दौरान भाजपाईयों ने धक्का मुक्की और गाली गलौज की। आंदोलनकारियों की संख्या बढते देखा भाजपाई मौके से भाग खड़े हुए,” भाकियू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन स्थल पर भाजपाई सात माह के दौरान बीच बीच में आते रहे लेकिन उन्हें बैठाकर चाय-पानी भी दिया गया। क्योंकि उनके आने का तरीका ठीक था। बुधवार को भाजपाई संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर जबरन कब्जा करना चाहते थे, उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपाईयों को किसान मंच पर आना है तो भाजपा से त्यागपत्र देकर आएं। संयुक्त किसान मोर्चा उनका स्वागत करेगा। यदि भाजपाई जबरन किसान मंच पर कब्जा करने का प्रयास करेंगे तो किसान मुंहतोड़ जबाब देने में सक्षम हैं और देंगे। भाजपाईयों द्वारा किसान मंच पर जबरन कब्जे और आंदोलनकारियों से दुर्व्यवहार के आरोप में किसानों की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई है लेकिन भाजपा के दबाव में पुलिस किसानों की तहरीर लेने को तैयार नहीं है। तहरीर लेकर कौशांबी थाने पहुंचे किसान वहीं धरने पर बैठ गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि सात माह के किसान आंदोलन के दौरान पहले भी भाजपा के नेता आंदोलन स्थल के पास से गुजरते रहें हैं लेकिन स्थानीय भाजपाई कभी भी स्वागत के लिए उस स्थान पर नहीं पहुंचे जहां बुधवार को पहुंचे थे।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो