बागपत: उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की उम्मीदवार ममता द्वारा अपना नामांकन वापस लेने के बाद जांच के आदेश दिए हैं। आर एल डी की उम्मीदवार का कहना है कि उन्होंने अपना नामांकन वापिस ही नहीं लिया था बल्कि वे तो अपने पति सहित आज राजस्थान में मौजूद थीं, बागपत में नहीं।
रिपोर्टों के मुताबिक आज तीन महिलाएं बागपत में कलेक्ट्रेट पहुंचीं थीं और उनमें से एक ने खुद को रालोद प्रत्याशी ममता बताते हुए नामांकन वापस ले लिया था।नामांकन के वापिस लेने की स्थिति में मैदान में सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार बबली देवी ही बची हैं।
इसके बाद इसे प्रशासन पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगते हुए रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर हंगामा शुरू कर दिया। राठी व अन्य कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास किया तथा गेट के ऊपर से भी कूदने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उनके प्रयास को विफल कर दिया। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने फर्जी ममता बनवा कर ममता के नाम का नामांकन वापसी करवाया है। उधर ममता व उनके पति जयकिशोर ने भी एक वीडियो जारी कर खुद को राजस्थान में होने का दावा किया।
इसके मद्देनज़र जिला कलेक्ट्रेट को एक किले में तब्दील कर दिया गया पर विपक्ष ने उसकी घेराबंदी जारी रखी । बाद में स्थानीय प्रशासन ने किसी भी तरह की वापसी से इनकार किया।
इस बीच बागपत में आज की घटना का कृषि कानूनों के विरोध में पिछले आठ महीनों से आंदोलन कर रही भारतीय किसान यूनियन ने भी विरोध किया और उसे सीधा सीधा लोकतंत्र पर हमला बताया।यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने, जो खुद बागपत से हैं, ज्ञापन किया कि जिस प्रकार लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया गया है इससे बीजेपी का चाल चरित्र उजागर होता है कि बीजेपी सत्ता को प्राप्त करने के लिए कुछ भी कर सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी आज अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत के लिए धनबल का प्रयोग कर रही है पुलिस के दम पर पंचायत सदस्यों को खरीदा जा रहा है । “प्रशासन भी आज पंगु की हैसियत में है सत्ता के दबाव में प्रशासन काम कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन ऐसे कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेगी।घटना से संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा जनता सड़कों पर होगी,” उन्होंने एक बयान में कहा।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो