पड़ताल
– प्रशांत सिन्हा
नयी दिल्ली: नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक के द्वारा दावा किया गया था कि देश से नकली नोट बाजार में नहीं मिल पाएंगे क्योंकि भविष्य में जो नोट छपेंगे उनकी नकल करना मुश्किल होगा। नोटों के रंग बदलने के साथ सुरक्षा के अन्य उपायों को शामिल किए गए थे लेकिन फिर भी नकली नोटों की संख्या बढ़ती जा रही है।
हालाँकि रिजर्व बैंक ने बैंकों को 2016 _2017 के अपने आदेश / सुझाव में कहा था कि जाली नोटों की पहचान सुगम बनाने के लिए सभी बैंक शाखाओं / निर्दिष्ट बैंक ऑफिस को अल्ट्रा वायलेट लैंप/ अन्य उपयुक्त नोट सोर्टिंग मशीन पहचान वाली मशीनों से सुसज्जित होना चाहिए। इसके अतिरिक्त सभी मुद्रा तिजोरी शाखाओं में सत्यापन, प्रसंस्करण और छंटनी करने वाली मशीनों की व्यवस्था होनी चाहिए और मशीनों को इष्टतम स्तर तक उपयोग होना चाहिए। रिजर्व बैंक के सलाह पर बैंकों ने नोट सोर्टिंग मशीनें लगाईं जरूर लेकिन उतनी नहीं जितनी लगनी चाहिए थीं।
बीते सालों में सरकारी एजेंसियों ने जिस मात्रा में नकली नोट देश भर में पकड़े हैं उससे तो यही लगता है कि नकली नोट का धंधा करने वालों की संख्या बढ़ी है। बीते वर्ष के दौरान कुल 8,34,947 लाख नकली नोट पकड़े गए हैं जो 2019 के मुकाबले 280% ज्यादा है। रिजर्व बैंक का डाटा बताता है कि वर्ष 2019_20 मे 200 रुपए के पकड़े गए नकली नोटों की संख्या में भी 151% बढ़ा था। 500 के नकली नोटों की संख्या बढ़ी थी। गृह मंत्रालय की नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB ) के अनुसार वर्ष 2018 में कुल 2,61,860 नकली नोट , वर्ष 2019 में 2,87, 404 जिसका कुल मूल्य 25, 39 करोड़ था और वर्ष 2020 में 92.18 करोड़ मूल्य के 8,34,947 जाली नोट पकड़े गए हैं। 2019 – 2020 में पकड़े गए नोटों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020 – 2021 में 39,462 नई और पुरानी श्रृंखला के नोट पकड़े गए । इस तरह 500 रुपए के जाली नोटों की संख्या में 31.3% की वृद्धि हुई है। रिजर्व बैक के रिर्पोट के अनुसार वित्त वर्ष 2020 – 2021 में 5.45 करोड़ रुपए से ज्यादा के नकली नोट पकड़े गए हैं। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 2000 और 500 के नए नोट आने के बावजूद नकली नोटों की बढ़ोतरी हो सकती है।
सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है 10, 20, 50 और 100 के नकली नोट आने लगे हैं। इनमे सबसे ज्यादा बाजार में 100 रुपए के नकली नोट घूम रहे हैं। वित्त वर्ष 2020 – 2021 मे कुल 2,08,625 नकली नोट पकड़े गए हैं। नकली नोट में सबसे ज्यादा संख्या 100 रुपए के नोटों की है। इसके बाद क्रमशः 500 , 50, 200 और 2000 रूपए के नोटों की है।
रिजर्व बैक की रिर्पोट कहती है कि केवल एक वर्ष में 10, 20 और 50 रूपए के पाए गए जाली नोटों में क्रमशः 20.2, 87.2 और 57.3% की बढ़ोतरी हुई थी। चिंता इस बात की भी है कि ये जाली नोट अपने ही देश में बन रहे है। पहले ऐसे नोट पकिस्तान, काठमांडू, मायनमार आदि से आते थे। एजेंसियां धड़ पकड़ कर रहीं हैं।
देश में नकली नोट पकड़े जाने की सबसे ज्यादा केस पश्चिम बंगाल में दर्ज़ हुए हैं। अकेले महाराष्ट्र में वर्ष 2020 में 97 लोगों के पास से पुलिस ने 6, 99, 495 नकली नोट पकड़े जिसका कुल मूल्य 83,61 करोड़ रूपए था। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया तो देश की अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ेगा।
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“अकेले महाराष्ट्र में वर्ष 2020 में 97 लोगों के पास से पुलिस ने 6, 99, 495 नकली नोट पकड़े जिसका कुल मूल्य 83,61 रूपए था।”
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