गाजियाबाद: तीन कृषि कानूनों के विरोध में 235 दिनों से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने आज संसद के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्षी सांसदों द्वारा संसद के दोनों सदनों में कृषि कानून के मुद्दों को उठाये जाने पर कहा कि संसद भवन में गुंज रहे नारे किसान आंदोलन से सीधे संसद पहुंचे थे। उसने एक बयान में कहा कि संसद में किसान आंदोलन का नारा “काले कानून रद करो, रद करो, रद करो” लगना आंदोलन की जीत है।
जो नारे लगाए जा रहे थे, वे हाशिए के नागरिकों के थे, जिन्हें विभिन्न क्षेत्रों में सरकार के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कानूनों और नीतियों का सामना करना पर रहा है। मोर्चे ने सरकार को तीन किसान विरोधी कानूनों और चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को रद्द करने और ईंधन की कीमतों को कम से कम आधा करने के अलावा सभी किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांगो पर अमल करने की सलाह दी।
मोर्चा ने स्पष्ट किया कि 22 जुलाई से किसानों की संसद घेराव की कोई योजना नहीं है और दिल्ली पुलिस इस संबंध में भ्रामक प्रचार कर रही है। मोर्चा ने कहा कि किसानों का जत्था जंतर मंतर पर जाकर किसान संसद का आयोजन करना चाहता है जो प्रत्येक दिन नया जत्था जाएगा और जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाएगा इसकी जानकारी उसने दिल्ली पुलिस को दे दी है। “अगर अगर दिल्ली पुलिस इस मामले को संसद घेराव से जोड़ती है तो वह बिल्कुल निरर्थक है हमारा कार्यक्रम पूर्व घोषित है और हम किसान संसद के लिए जंतर-मंतर जरूर जाएंगे,” उसने कहा।
भारत सरकार ने मानसून सत्र के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक 2021 (फिर से जारी किए गए अध्यादेश को बदलने के लिए) के साथ-साथ विद्युत संशोधन विधेयक 2021 को विधायी व्यवसाय के तहत सूचीबद्ध किया है। एसकेएम ने सरकार को इन मामलों पर 30 दिसंबर 2020 को प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति की गई प्रतिबद्धता से मुकरने के खिलाफ चेतावनी दी है।
भारतीय संसद की घेराबंदी की मांग करने वाले कुछ सोशल मीडिया पोस्टरों की संयुक्त किसान मोर्चा ने निंदा की और कहा कि जैसा कि 14 जुलाई 2021 को पहले ही कहा जा चुका है, इस तरह की सभी कॉल, असली या नकली, किसान विरोधी हैं, और चल रहे किसान आंदोलन के हित के खिलाफ हैं। एसकेएम और प्रदर्शन कर रहे किसानों का इस तरह के कॉल या ऐसे किसी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चा ने किसानों और उनके शांतिपूर्ण विरोध को किसी भी तरह से भटकाने और मोड़ने से रोकने के लिए कार्रवाई की मांग की ।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो