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-खुशबू
वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार ने रेलवे और गृह मंत्रालय से वाराणसी के मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन रखने के लिए मंज़ूरी मांगी थी। सोमवार को गृह मंत्रालय ने रेलवे की सहमति से ये मंज़ूरी दे दी है। अब जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार एक नोटिफ़िकेशन जारी कर मंडुआडीह स्टेशन का नाम बनारस स्टेशन हो जाने की घोषणा कर देगी। हालांकि नाम बदलने से पहले ही मंडुआडीह स्टेशन की बिल्डिंग का रेलवे ने काया कल्प कर दिया है। एक छोटा सा स्टेशन एक भव्य इमारत वाले वर्ल्ड क्लास स्टेशन में बदल चुका है।
वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम अब बदल कर बनारस कर दिया है। काशीवासी भी इस स्टेशन का नाम बदलने की काफी सालों से मांग कर रहे थे। वहीं, कुछ साल पहले तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मोज सिन्हा ने इस स्टेशन का नाम बदलने का ऐलान किया था। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा था।
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माना जाता है कि मंडुवाडीह स्टेशन का नाम मांडवी ऋषि के नाम पर पड़ा था। मंडुआडीह रेलवे स्टेशन वाराणसी शहर में ही स्थित है। यह वाराणसी का एक टर्मिनल स्टेशन भी है। वाराणसी जंक्शन पर भारी भीड़ के कारण रेलवे एक उच्च सुविधा वाले टर्मिनल के रूप में विकसित किया गया है। इस स्टेशन से हर रोज दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के लिए ट्रेनों का संचालन होता है। पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के कार्यकाल में इस स्टेशन का नवीनीकरण और विस्तार कराया गया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया था। मंडुआडीह के अलावा वाराणसी में वाराणसी जंक्शन और काशी रेलवे स्टेशनों से भी ट्रेनों का संचालन होता है।
एक ही शहर के दो नाम हैं वाराणसी और बनारस। दोनों ही सामान रूप से विश्व प्रसिद्ध हैं। वरुणा और असि नाम की दो नदियों के बीच होने के कारण नाम पड़ा वाराणसी और यहां की संपन्नता और ख़ुशहाली को देख इससे बना हुआ रस यानी बनारस कहा गया है। बनारस प्रेमियों के लिए दोनों ही नाम प्राण प्यारे हैं। मंडुआडीह का नाम बदल कर बनारस कर देने के फैसले का बनारस के लोगों ने बहुत उत्साह से स्वागत किया है।
मंडुआडीह स्टेशन से पहले भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कई प्रसिद्ध शहर और उनके स्टेशन दोनों के नाम बदले थे। सबसे पहले वाराणसी जंक्शन से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुग़लसराय स्टेशन का नाम बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया। ये स्टेशन यूपी के चंदौली ज़िले के शहर मुग़लसराय में आता है। इस शहर का नाम भी बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर कर दिया गया।
योगी सरकार ने कुम्भ से पहले पूरब का ऑक्स्फ़र्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद शहर का आधिकारिक नाम भी बदल कर प्रयागराज कर दिया था । इसके कुछ ही दिनों बाद इलाहाबाद जंक्शन का नाम भी बदल कर प्रयागराज जंक्शन कर दिया गया था। इस शहर में लगभग शुरुआत से ही प्रयागराज नाम का एक और स्टेशन मौजूद है जो इलाहाबाद विश्वविद्यालय के क़रीब है।
किसी भी रेलवे स्टेशन का नाम बदलना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके लिए राज्य सरकार रेलवे और गृह मंत्रालय से मंज़ूरी के रूप में ‘नो ऑबजेक्शन’ मांगती है। सामान्यतः इस बदलाव की सूचना अन्य सम्बंधित विभागों को देते हुए ये मंज़ूरी दे दी जाती है।
– लता द्वारा संपादित
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