गाजियाबाद: हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज प्रकरण में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की 11 सदस्यीय कमेटी के साथ राज्य प्रशासन का आज देर शाम समझौता हो गया, जिसके तहत सभी किसानों को रिहा कर दिया गया है और किसान व पुलिस कोई भी मुकदमा नही दर्ज कराएंगे। भाकियू ने कल के लिए आंदोलन की नई घोषणा वापस ले ली है।
इससे पहले हरियाणा के हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने आज कहा था कि अब दूसरे राज्यों में भी आंदोलन तेज किया जाएगा। हिसार में किसानों पर लाठीचार्ज को टिकैत ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि जिस तरह से महिलाओं और बच्चों को पीटा गया यह भी इतिहास में याद रखा जाएगा।
“सरकार सत्ता के नशे में इतनी चूर हो गई है कि उन्हें बुजुर्गों ,महिलाओं और बच्चे का भी ख़्याल नही रहा। सरकार के हर वार का जवाब दिया जाएगा किसान लाठी, गोली से डरने वाला नहीं है हमारा आंदोलन जारी था है और रहेगा,” उन्होंने कहा था। उन्होंने बताया था कि इस आंदोलन को दूसरे राज्यों में भी तेज किया जाएगा और देश के अन्य राज्यों के किसान भी अब अपने-अपने राज्यों में कल से अपने नजदीक के टोल प्लाजा पर धरना शुरू करेंगे और यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक भारत सरकार तीनों बिल वापसी व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून नहीं बना देती।कल उत्तर प्रदेश के सभी किसान टोल प्लाजा पर धरना शुरू करेंगे।
“हम हिसार पहुंच रहे हैं वहां पर किसानों से वार्ता कर आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। हरियाणा सरकार को चेतना चाहते कि जितने लोग घायल हुए हैं उनका तुरंत उपचार कराया जाए और गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा किया जाए अन्यथा अंजाम भुगतने को तैयार रहे। महिलाओं के इस अपमान को हम भुला नहीं सकते अगर खट्टर सरकार सत्ता के नशे में चकनाचूर है तो आने वाले समय में जवाब दिया जाएगा। जनता का आक्रोश सरकार के खिलाफ है और उस आक्रोश को जनता ने बंगाल में विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव व पंजाब के पंचायत चुनाव में दिखाया है,” भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में आज कहा था।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो