– लता
“किसानों के दबाव में ही सरकार ने शीतकालीन सत्र छोड़ा है”
नयी दिल्ली: 40 किसान यूनियनों का संयुक्त किसान मोर्चा ने आज दावा किया कि किसानों के दबाव में ही सरकार ने शीतकालीन सत्र छोड़ा है। “सरकार भाग रही है,” इन किसान नेताओं ने एक विज्ञप्ति में कहा और चेतावनी दी कि अब 20 दिसंबर से वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि अब तक इन 19 दिनों के आंदोलन में अब तक 13 -14 किसानों की किसी न किसी दुर्घटना में जान जा चुकी है और रविवार को हर गांव हर तहसील में वे उनकी श्रद्धांजलि सभा आयोजित करेंगे। “20 तारीख रविवार को शहीदों को हर गांव करेगा नमन..हर शहादत का जवाब देना होगा। 4-5 दिनों में आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ेंगी,” उन्होंने कहा।
किसान नेताओं के अनुसार अब लोग सड़कों पर हैं और उनका आंदोलन देश व्यापी है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसान कल 11 बजे नोएडा-चिल्ला बोर्डर पूरी तरह बंद करेंगे और आने वाले समय में किसानों की संख्या बढ़ेगी और दिल्ली घिरेगी। उन्होंने बताया कि आज जयपुर-दिल्ली रोड़ बंद की गई थी, और देश भर में 350 जिलों में किसानों ने प्रदर्शन किये थे। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि 150 टोल प्लाज़ा मुक्त हो चुके हैं। “हम 6 महीने की तैयारी से आये है…दिल्ली कूच की बात आगे देखेंगे…,” उन्होंने कहा।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा संशोधन के लिए राजी होने का अर्थ है कि सरकार मानती है की कानून गलत है। “किसान बात करेंगे पर सरकार कानून वापस ले। हमारी मांगे ही हमारा प्रपोज़ल है,” उन्होंने कहा। उन्होंने दोहराया कि पहले तीनों का कानून रद्द हो फिर होगी सरकार से बात। उन्होंने सफाई दी कि उनके किसी भी किसान को कोरोना नहीं हुआ, “फिर भी जो मौत हुई वो दुर्घटना है।”
किसानों के आंदोलन पर सरकार द्वारा “वाहियात आरोप” लगाने की भर्त्सना करते हुए आज दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर में पहले पंजाब फिर अन्य राज्यों के किसानों की बैठक हुई थी। मोर्चा ने दावा किया कि बैठक में पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, और यूपी के किसान प्रतिनिधी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अब एमपी, यूपी, हरियाणा, राजस्थान के किसान भी जुड़ रहे हैं और प्रश्न किया कि यदि अगर सरकार को लगता है कि आंदोलन पंजाब का है…तो पानी का मुद्दा और 10 सूत्री कार्यक्रम क्यों? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के विधायक अपने एजेंटों को किसान के नाम पर समर्थन के लिए ला रहे हैं।