[the_ad_placement id=”adsense-in-feed”]
– लता
शिमला: सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के केस में फिल्म इंडस्ट्री में व्याप्त भ्रष्टाचार और मुंबई पुलिस की कथित मिली भगत पर खुलकर बोलने पर शिव सेना से मिली धमकी के बाद अब अभिनेत्री कंगना राणावत को उनके गृह राज्य हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उनके मुंबई प्रवास और आवागमन के दौरान पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
कंगना को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से भी आज वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। अभिनेत्री ने ट्विटर पर अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा; “ये प्रमाण है की अब किसी देशभक्त की आवाज को कोई फासीवादी नहीं कुचल सकेगा, मैं अमित शाह जी की आभारी हूं। वो चाहते तो इन हालातों के चलते मुझे और कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद।”
[the_ad_placement id=”content-placement-after-3rd-paragraph”]
मिल रही धमकियों के बीच कंगना ने डंके की चोट पर 9 सितम्बर को मुंबई पहुँचने की घोषणा की थी।
ज्ञात हो कि हाल ही में, शिवसेना के नेता संजय राउत और कंगना रनौत के बीच वाक्ययुद्ध शुरु हो गया था, जिसमें कंगना ने कहा था कि उन्हें ‘बॉलीवुड माफिया से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है। इसपर संजय राउत ने उन्हें मुंबई न आने की सलाह दी थी। इसके बाद कंगना ने इसके जवाब में चुनौती देते हुए कहा था कि वे नौ सितम्बर को मुंबई आ रही है। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि संजय राउत का मतलब महाराष्ट्र नहीं है।
हिमाचल सरकार ने अभिनेत्री के जीवन को खतरे में देखते हुए आज कहा कि सहायक कमैंडेट के नेतृत्व में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी आर पी एफ) कमांडो का एक दल सहायक कर्मचारियों के साथ मनाली पहुंच रहे है। मनाली में पुलिस ने उनके घर सोमवार सुबह से ही पेट्रोलिंग शुरु कर दी थी।
आपको बता दें कि बीते दिनों सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कंगना राणावत अपने कट्टर बयानबाजी से चर्चा में बनी हुई है। उन्होंने बॉलीवुड में माफिया की दखलंदाजी, नेपोटिज्म और अब फिल्मी दुनिया में ड्रग्स के मुद्दे पर खुलकर अपने विचार रखे है ।इन्हीं बयानों के चलते वे न केवल बॉलीवुड सेलिब्रिटिज के निशाने पर आ गई हैं बल्कि महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिव सेना के के निशाने पर भी आ गई है।
शिव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कंगना को ‘मेंटल वूमेन’ कहा है। ‘सामना’ में बताया गया है कि आने वाले मानसून सत्र में विपक्ष को भी बाहर से आए लोगों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। शिवसेना ने कहा कि “यह बिल्कुल भी बरदाश्त के बाहर है कि एक बाहर से आयी हुई लड़की जिसने मुंबई में आकर अपना नाम बनाया वो मुंबई का अपमान कर रही है और उसके बारे में गलत बातें बोल रही है। इसकी कट्टर आलोचना होनी चाहिए।”
शिवसेना ने कंगना के ऊपर इल्जाम लगाते हुए कहा कि ‘मेंटल वूमन’ ने मुंबई और मुंबई पुलिस का अपमान किया है। ऐसे में उन्हें महाराष्ट्र में रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस बारे में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पहले ही बयान दे दिया है कि “मैं महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस पर कंगना राणावत द्वारा लगाए गए आरोपों की कड़ी निंदा करता हूँ। हमारी पुलिस बहादुर है और वो पूरे राज्य में अपनी ड्यूटी निभाने और क़ानून व्यवस्था का पालन करवाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि ‘जिसे भी महसूस होता है कि वो यहाँ सुरक्षित नही है, उसे यहाँ रहने का कोई हक़ नहीं है”.
जब से कंगना और संजय राउत के बीच जुबानी जंग छिड़ी है, तब से उनके परिजन परेशान होने लगे है। कंगना पिछले करीब छह महीने से कोरोना के कारण मनाली में बनाए घर में रह रही हैं, जबकि उनके माता-पिता पुश्तैनी घर मंडी के भांवला में रहते हैं।
9 सितंबर को मुंबई जाने वाली बात पर कई लोगों ने कंगना कई तरह की धमकियां दीं। इससे उनके परिवार वाले चिंतित हो गए है और वह कंगना को समझाने मनाली पहुंचे थे। उसी का एक वीडियो भी कंगना के शेयर किया जिसमें कंगना की सुरक्षा को लेकर परेशान उनके पिता अमरदीप कंगना से कह रहे हैं कि ‘क्या तुम शेरनी हो’। आगे कहते वह कहते है कि वे कंगना कि वजह से रात भर परेशानी में सो नहीं सके। इस पर कंगना की मां उन्हें तसल्ली देती हैं कि कंगना ने अब किसी से पंगा न लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वे कंगना को शांति से डिनर करने दें और स्वयं भी खाना खा लें। कंगना का कहना है कि वे माफिया समेत सबसे लड़ सकती हैं। लेकिन घरवालों के इमोशनल ब्लैकमेलिंग से निपटना मुश्किल है।
[the_ad_placement id=”sidebar-feed”]