ऋषिकेश: प्रख्यात पर्यावरणविद, गांधीवादी और चिपको आंदोलन के प्रणेता पद्मविभूषित सुंदर लाल बहुगुणा का आज दोपहर निधन हो गया । वह 94 वर्ष के थे। उनका ऋषिकेश स्थित एम्स में इलाज चल रहा था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनको 8 मई को खांसी, बुखार व कोरोना संक्रमित होने पर हालत गंभीर होने पर एम्स में भर्ती कराया गया था। पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत के अनुसार अभी वह आक्सीजन सपोर्ट पर सघन चिकित्सा कक्ष में थे जहां विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम उनकी हालत पर बराबर ध्यान रख रही थी।
यह भी पढ़ें : पर्यावरण प्रेरक सुन्दरलाल बहुगुणा का निधन इस देश की बड़ी हानि है – जलपुरुष राजेन्द्र सिंह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुगुणा के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन हमारे देश के लिए एक चिरस्मरणीय क्षति है। उन्होंने प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार को सामने लाने का काम किया। उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। मेरे विचार उनके परिवार और कई प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो