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“समर्थन मूल्य कानून बनाने जैसे कृषि सुधारों से किसान का बिचौलियों और कम्पनियों द्वारा किया जा रहा अति शोषण बन्द हो सकता है”
मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर आज पूरे उत्तर प्रदेश में संसद में पारित किये गये तीन कृषि बिलों के विरोध में जिला मुख्यालयों पर धरना/प्रदर्शन का ज्ञापन दिया। इसी क्रम में मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने को सम्बोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ0 राकेश टिकैत ने कहा कि देश की संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि अन्नदाता से जुड़े तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो कोई चर्चा की और न ही इस पर किसी सांसद को सवाल करने का सवाल करने का अधिकार दिया गया।
“आज देश की सरकार पीछे के रास्ते से किसानों के समर्थन मूल्य का अधिकार छीनना चाहती है। जिससे देश का किसान बर्बाद हो जायेगा। मण्डी के बाहर खरीद पर कोई शुल्क न होने से देश की मण्डी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी। सरकार धीरे-धीरे फसल खरीदी से हाथ खींच लेगी,” टिकैत ने कहा। उनके अनुसार किसान को बाजार के हवाले छोड़कर देश की खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता।
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“भारतीय किसान यूनियन इस हक की लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ेगी। सरकार अगर हठधर्मिता पर अड़िग है तो किसान भी पीछे हटने वाला नहीं है। 25 तारीख को पूरे देश का किसान इन बिलों के विरोध में सड़क पर उतरेगा। जब तक कोई समझौता नहीं होगा तब तक पूरे देश का किसान सड़कों पर रहेगा,” उन्होंने कहा।
इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को सौंपा गया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सम्बोधित ज्ञापन में भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने लिखा कि समर्थन मूल्य कानून बनाने जैसे कृषि सुधारों से किसान का बिचौलियों और कम्पनियों द्वारा किया जा रहा अति शोषण बन्द हो सकता है और इस कदम से किसानों के आय में वृद्धि होगी। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन की निम्नलिखित मांगों को दोहराया :
1. (अ) कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अध्यादेश 2020
(ब) कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अध्यादेश 2020
(स) आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020
कृषि और किसान विरोधी तीनों अध्यादेशों को तुरंत वापिस लिया जाये।
2. न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों पर (फल और सब्जी) लागू करते हुए कानून बनाया जाये। समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदी हो अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाये।
3. मण्डी के विकल्प को जिन्दा रखने हेतु आवश्यक कदम उठायें जाएं एवं फसल खरीद की गारंटी हेतु कानून बनाया जाए।
– ग्लोबलबिहारी ब्यूरो
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