आज की पूरी घटना के लिए भारतीय किसान यूनियन ने दिल्ली पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया
नयी दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध कर रही संयुक्त किसान मोर्चा ने आज ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।परेड में भागीदारी निभाने वाले सभी किसानों को शुक्रिया अदा करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के एक प्रमुख घटक दल, भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में विघ्न डालने वाले ऐसे तत्वों को भाकियू चिन्हित करने का काम करेगी।
ज्ञात हो कि मंगलवार को कृषि कानून के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं से कई दौर की बैठकों के बाद आज के गणतंत्र दिवस के परेड के बाद ट्रैक्टर रैली का रूट और समय फाइनल किया गया था । पर आज किसान दिल्ली पुलिस निर्धारित रूट्स का उल्लंघन कर कई स्थानों पर किसान निर्धारित रूट्स से बाहर ट्रैक्टर लेकर निकले, पथराव किया, और सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया। नांगलोई, आईटीओ और लाल किला पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई और पुलिस ने कई जगह लाठीचार्ज किया और अश्रु गैस के गोले दागे। दंगाई किसान लाल किले के अंदर घुस गए और वहां एक ने निशान साहिब का झंडा जो सिखों का पवित्र त्रिकोणीय ध्वज है, वहां फहराया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों से झड़प में पुलिस के 83 जवान घायल हुए हैं, जिनमें से 45 को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।एक किसान की ट्रैक्टर पलटने से मृत्यु हो गयी। कुछ उपद्रवियों ने पुलिस कर्मियों पर भी ट्रैक्टर चलने की कोशिश की।दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा कि आज जो हुआ उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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आज की घटना पर टिकैत ने एक विज्ञप्ति जारी कर जहां एक ओर आज हुई घटना पर खेद प्रकट किया, वहीँ उन्होंने दिल्ली पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने चिन्हित जगहों पर बैरिकेड न कर किसानों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया। उन्होंने दावा किया कि जो निर्धारित रूट दिल्ली पुलिस की तरफ से दिया गया था, ट्रेक्टर मार्च उसी रूट पर शुरू हुआ था पर “चिन्हित जगहों पर बैरिकेड ना होने की वजह के परिणाम स्वरुप अवांछनीय तत्वों और कुछ संगठनों को मौका मिला और उन्होंने इस यात्रा में विघ्न डालने का कुत्सित प्रयास किया”।
टिकैत ने कहा कि भाकियू इस कृत्य में लिप्त लोगों से खुद को अलग करती है और परेड के दौरान “कुछ अवांछनीय तत्वों” ने जिन अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया उसकी “कड़े शब्दों में निन्दा करती है” ।
“किसान यूनियन का हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रहा है,” टिकैत ने कहा और दावा किया कि किसान यूनियन का हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रहा है। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि छह माह से अधिक लंबा संघर्ष और दिल्ली की सीमाओं पर दो माह से अधिक का विरोध प्रदर्शन भी इस हालात का कारण बना।
“भाकियू किसी भी हिंसक प्रदर्शन या राष्ट्रीय प्रतीकों को प्रभावित करने वाले कृत्यों में लिप्त ना कभी रही है और ना होगी। भाकियू सभी से अपील करती है कि वे ऐसे किसी भी प्रकार के कृत्यों से दूर रहें,” उन्होंने कहा और बताया कि आज की इस किसान परेड के संबंध में सम्पूर्ण घटना की तस्वीर और किसान समन्वय समिति से वार्ता कर स्थिति का आंकलन करने के बाद फिर विवरण साझा करेगी।
– – ग्लोबल बिहारी ब्यूरो
First of all Rakesh Tikait should be booked He is playing drama as innocent It is unbelievable that he is not having hands in glove with these disruptive forces.